जयपुर. देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिवस गुरुवार को देश भर में बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा. सभी उनकी मूर्ति और फोटो पर पुष्पहार चढ़ाकर उन्हें याद कर, उनके आदर्शो को जीवन में अपनाने की बात करेंगे. लेकिन शहर के बाल वाटिका में पिछले पांच साल से पंडित नेहरू की खंडित अवस्था में लगी मूर्ति अपनी बदहाली पर आंसु बहाती नजर आएगी, कोई चाहकर भी बिना सिर वाली मूर्ति पर पुष्पहार नहीं चढ़ा पाएगा.
बता दें कि राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल के अधीन बाल वाटिका में खंडित की गई मूर्ति की, पांच साल बाद भी किसी ने सुध नहीं ली है. प्रधानमंत्री नेहरू की खंडित मूर्ति राह चलते लोगों को अपनी बदहाली की दास्तां बयां कर रही है. पांच साल पहले असामाजिक तत्वों ने मूर्ति का सिर खंडित कर दिया था. जिसके बाद कुछ दिनों तक स्थानीय कांग्रेसियों ने स्कूल प्रशासन पर दबाव बनाकर पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई थी. लेकिन बाद में सब ने इस खंडित मूर्ति की तरफ से आंखें मूंद ली है. अभी तक न तो नई मूर्ति स्थापित हुई और ना ही क्षतिग्रस्त मूर्ति को दुरस्त किया गया है.
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