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विधानसभा सत्र में CAA के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाकर कांग्रेस अपने 'राजकुमार' को खुश करना चाहती हैः राठौड़

24 जनवरी से विधानसभा सत्र की शुरुआत होने वाली है. विधानसभा के चौथे सत्र में राज्य सरकार की ओर से सीएए के विरोध में निंदा प्रस्ताव लाने की खबर पर भाजपा नेताओं का कहना है कि यदि विधानसभा में इस तरह का प्रस्ताव आया तो भाजपा उसका पुरजोर विरोध करेगी.

राजस्थान विधानसभा सत्र  , Rajasthan assembly session
राजस्थान विधानसभा

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Published : Jan 22, 2020, 4:54 PM IST

जयपुर.प्रदेश में मौजूदा विधानसभा का चौथा सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है. सदन के अंदर सत्तारूढ़ कांग्रेस को घेरने में इस बार विपक्ष कोई कसर नहीं छोड़ने वाला है. 23 जनवरी को प्रदेश बीजेपी मुख्यालय में होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक में इसकी रणनीति बनाई जाएगी. हालांकि, इस सत्र में सरकार की ओर से सीएए के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की खबर पर भाजपा हमलावर रुख अपनाएगी.

24 जनवरी से विधानसभा का चौथा सत्र शुरू

प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने साफ कर दिया है कि प्रदेश सरकार यदि ऐसा करती है तो ये संविधान विरोधी कदम होगा. राठौड़ के अनुसार 28 जनवरी को राहुल गांधी के जयपुर दौरे से पहले इस प्रकार का कदम उठाकर गहलोत सरकार अपने राजकुमार को खुश करना चाहते हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.

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वहीं, भाजपा विधायक रामलाल शर्मा ने नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध में विधानसभा में निंदा प्रस्ताव लाने की मांग कर रहे कांग्रेसी विधायको के बयानों पर पलटवार किया है. शर्मा ने कहा कि यह सब कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की सोची समझी चाल है और उन्हीं के इशारे पर कांग्रेस के कुछ विधायक यह मांग कर रहे हैं, लेकिन यदि विधानसभा में इस तरह का प्रस्ताव आया तो भाजपा उसका पुरजोर विरोध करेगी.

प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को सदन में घेरा जाएगा. साथ ही किसानों की कर्ज माफी और बेरोजगारी भत्ते से जुड़े मामले में भी सरकार से सदन में जवाब मांगा जाएगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा पंचायतों के पुनर्गठन का मामला भी सदन में बहस और हंगामे का कारण बन सकता है.

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दरअसल, राज्य सरकार की ओर से इस बार शॉर्ट नोटिस पर यह सत्र बुलाया गया है. इसमें संविधान के 126 वें संशोधन का अनु समर्थन तो किया ही जाएगा, साथ ही राज्य सरकार नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रस्ताव पारित करवाने की भी मंशा रखती है. जिसके कारण सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच में टकराव की स्थिति बनना तय है.

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