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पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने की निजी अस्पतालों की मनमानी और भ्रष्टाचार पर लगाने की मांग

विधायक और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने सरकार से कोरोना महामारी के मद्देनजर निजी अस्पतालों की मनमानी और भ्रष्टाचार पर लगाने की मांग की है. सिंघवी ने कहा कि कोरोना महामारी की लड़ाई में एक ओर तो पूरा विश्व भारत के साथ खड़ा है, वहीं दूसरी ओर निजी अस्पतालों ने इस आपदा को कमाई का जरिया बना लिया है.

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Published : May 6, 2021, 9:45 AM IST

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पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने निजी अस्पतालों की मनमानी पर उठाए सवाल

जयपुर. विधायक और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने सरकार से कोरोना महामारी के मद्देनजर निजी अस्पतालों की मनमानी और भ्रष्टाचार पर लगाने की मांग की है. विधायक और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी का कहना है कि कोरोना महामारी के इलाज के लिए सरकार को ये खुलासा करना चाहिए कि जयपुर सहित राजस्थान के अस्पतालों में कितने संसाधन उपलब्ध हैं.

साथ ही चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जयपुर के महंगे निजी अस्पतालों में सिफारिश और भ्रष्टाचार से मरीज को बेड दिया जा रहा है. अन्य मरीजों को अस्पताल में बेड नहीं होने की बात कहकर लौटा दिया जाता है. गंभीर मरीजों को प्राथमिक उपचार भी नहीं दिया जाता है.

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सिंघवी ने कहा कि निजी अस्पतालों में गरीब और असहाय मरीजों को बेड नहीं दिया जाता है, चाहे मरीज की जान ही चली जाए. जयपुर के कई निजी अस्पतालों को मरीज की जान जाने की कोई चिंता नहीं है. सिंघवी ने कहा कि कोरोना महामारी की लड़ाई में एक ओर तो पूरा विश्व भारत के साथ खड़ा है, वहीं दूसरी ओर निजी अस्पतालों ने इस आपदा को कमाई का जरिया बना लिया है. महामारी के इस दौर में जहां पर कई संस्थाएं और सामाजिक कार्यकर्ता आगे आकर मरीजों की सेवा कर रहे हैं, वहीं निजी अस्पताल भारी भ्रष्टाचार करके मरीजों को लूटने में लगे हैं.

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उन्होंने कहा कि जयपुर विकास प्राधिकरण और एस्कॉर्ट फोर्टिस अस्पताल के बीच हुए समझौते के अनुसार जितने बेड गरीब व्यक्तियों के ​इलाज के लिए रिजर्व रखने चाहिए, वो नहीं रखे जा रहे हैं. वहीं, जेडीए की शर्तो में कुछ बेड गरीबों के लिए आरक्षित रखने और कुछ लोगों का निशुल्क इलाज करने का प्रावधान रखा गया था. सिंघवी ने सरकार से निजी अस्पतालों का अधिग्रहण कर ईमानदार अधिकारियों की मॉनिटरिंग में समझौते के अनुसार गरीब मरीजों का इलाज सुनिश्चित करवाए जाने की मांग की.

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