जयपुर. वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे लक्ष्मीनारायण दवे की रविवार को भाजपा में घर वापसी हुई. प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और राजस्थान से आने वाले तीनों केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी में दवे के साथ ही नवलगढ़ से विक्रम सिंह जाखल, ओसियां से महेंद्र सिंह भाटी, अलवर से बन्ना लाल मीणा, चंद्रशेखर यादव, जनता सेना से ओंकार वालिया और भगवती लाल मेनारिया ने भी भाजपा ज्वाइन की. वहीं, इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया की नाराजगी भी झलकी. ज्वाइन होने वाले नेताओं के बारे में उन्हें कार्यक्रम में आने के बाद जानकारी हुई, इससे नाराज कटारिया ने मंच साझा नहीं किया.
रविवार को प्रदेश कोर कमेटी की बैठक से ठीक पहले इन दिग्गजों ने भाजपा परिवार की सदस्यता ली. इनमें सबसे बड़े चेहरे के रूप में (Former Minister Laxminarayan Dave Returns to BJP) लक्ष्मीनारायण दवे को माना जा सकता है, क्योंकि लक्ष्मीनारायण दवे वसुंधरा सरकार ने साल 2003 से 2008 तक प्रदेश के वन व पर्यावरण मंत्री रहे. वहीं, पूर्व में राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी रहे. हालांकि, पिछले चुनाव में भाजपा से बगावत कर दवे ने निर्दलीय के रूप में मारवाड़ जंक्शन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, जिसके चलते वे भाजपा से बाहर हो गए थे. अब फिर उनकी बीजेपी में वापसी हुई है.
इसके अलावा शेखावटी में झुंझुनू से आने वाले राजपूत समाज के बड़े चेहरे विक्रम सिंह जाखल ने भी (BJP Politics in Rajasthan) रविवार शाम बीजेपी ज्वाइन की. जाखल पिछले विधानसभा चुनाव में नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं. तब उन्हें 40 हजार से अधिक मत मिले थे और भाजपा प्रत्याशी व जाखल के बीच करीब 1500 मतों का अंतर रहा था. माना जा रहा है कि जाखल के भाजपा में शामिल होने से शेखावटी क्षेत्र में बीजेपी का आधार मजबूत हो सकेगा.
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ओसियां से पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह भाटी कई सरपंचों और कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा ज्वाइन की. वहीं, अलवर के राजगढ़ से पिछले चुनाव में बसपा प्रत्याशी रहे बन्ना लाल मीणा और पूर्व मंत्री जगमाल दायमा के पुत्र चंद्रशेखर यादव ने भी भाजपा का दामन थामा. महेंद्र सिंह भाटी साल 2018 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 38000 वोट ले चुके हैं. बन्ना लाल मीणा ने पिछले विधानसभा चुनाव में बतौर बसपा प्रत्याशी राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र से 28000 मत हासिल किए थे. इसी तरह चंद्रशेखर यादव ने साल 2008 के विधानसभा चुनाव में जदयू गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर अपनी ताल ठोकी थी. भाजपा में शामिल होने वालों में भिंडर के पूर्व पंचायत समिति से पुकार वालिया के अलावा भिंडर के ही पूर्व सरपंच संघ के अध्यक्ष भगवती लाल मेनारिया भी भाजपा में शामिल हुए.
भाजपा पार्टी मुख्यालय में हुए इस कार्यक्रम में इन तमाम नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ भाजपा का दामन थामा. इस दौरान पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी और अर्जुन राम मेघवाल पार्टी, राष्ट्रीय मंत्री अलका सिंह गुर्जर, प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़, प्रवक्ता रामलाल शर्मा, सांसद सीपी जोशी व अन्य प्रदेश पदाधिकारी मौजूद रहे.
पूनिया और सिंह ने कहा- हम सब मिलकर उखाड़ फेकेंगे गहलोत सरकार : वहीं, भारतीय जनता पार्टी परिवार में अलग-अलग दलों और पार्टी से पूर्व में दूर हुए नेताओं की घर वापसी को लेकर (Rajasthan Mission 2023) पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि बीजेपी की विचारधारा और केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में अलग-अलग दलों और विचारधाराओं से जुड़े लोग भाजपा में शामिल हो रहे हैं, जिससे बीजेपी की शक्ति और बढ़ रही है.
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वहीं, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि यह बीजेपी की नीतियां और केंद्र सरकार की योजनाओं का ही परिणाम है कि (Arun Singh Targets Gehlot Government) ना केवल राजस्थान, बल्कि देश के अलग-अलग कोनों में कई बड़े नेता और लोग पार्टी परिवार से जुड़े हैं. सिंह ने कहा कि साल 2023 में होने वाले चुनाव में हम सब मिलकर दो तिहाई से अधिक बहुमत से बीजेपी को जिताएंगे और गहलोत सरकार को उखाड़ फेकेंगे. भाजपा परिवार में घर वापसी करने वाले पूर्व मंत्री लक्ष्मीनारायण दवे ने कहा कि वे एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में पार्टी में शामिल हुए हैं और भविष्य में पार्टी जिस प्रकार का आदेश देगी, उसी भूमिका में काम करेंगे.
गुलाबचंद कटारिया हुए नाराज, साझा नहीं किया मंचःकार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की नाराजगी भी साफ तौर पर देखी गई. दरअसल उदयपुर जिले से जनता सेना से जुड़े ओंकार सिंह वालिया और भगवती लाल मेनारिया को बीजेपी में शामिल किया गया. लेकिन उदयपुर जिले से ही आने वाले नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को इसकी जानकारी कार्यक्रम में पहुंचने के बाद मिली. इससे नाराज कटारिया समारोह के मंच पर भी शामिल नहीं हुए और पड़ोस में बने एक कमरे में ही बैठे रहे.
कटारिया का कहना है कि ना तो उन्हें इन दोनों व्यक्तियों के बारे में उदयपुर के जिला अध्यक्ष ने कोई जानकारी दी और ना ही पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने. कटारिया की नाराजगी थी कि 40 साल भाजपा में रहने के बाद भी यदि उन्हें उनके ही जिले से शामिल किए जाने वाले किसी जनप्रतिनिधि की जानकारी देना भी पार्टी ने उचित नहीं समझा, इससे उनके मन में दुख है. ओमकार वालिया जनता सेना से ताल्लुक रखते हैं जो कि गुलाब चंद कटारिया के प्रतिद्वंदी रणधीर सिंह भिंडर का दल है. वहीं भगवती लाल मेनारिया भिंडर से ही आते हैं जो सरपंच संघ के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं.