जयपुर.राजस्थान विधानसभा में बुधवार को पुलिस और कारागार विभाग की अनुदान मांगों पर बहस के दौरान नेता प्रतिपक्ष और पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया (Gulabchand Kataria in Rajasthan assembly) की पीड़ा भी फुटकर उनकी जुबां पर आ गई. कटारिया ने बागी और सेटिंगबाज पुलिस अधिकारियों के लिए कहा कि मेरे यहां कई ऐसे एसपी रह गए जो करोड़ों लूट कर ले गए. मेरी आंखों के सामने और मैंने गृहमंत्री होते हुए भी उस पीड़ा को मैंने बर्दाश्त किया.
कटारिया ने कहा यह आज भी बड़े बड़े ओहदे पर बैठे हैं और बढ़िया माल खा रहे हैं. कटारिया ने कहा इस विभाग में यदि मजबूती लानी है तो फिर इसे राजनीतिक दखल से बाहर करना ही होगा. कटारिया ने कहा कि प्रदेश में एसीबी ने बढ़िया काम किया. लेकिन साल 2021 के ही 442 केस में सरकार ने अभियोजन की अनुमति नहीं दी. इनमें पुलिस विभाग के ही 23 केस ऐसे हैं जो साल 2018 से पेंडिंग पड़े हैं.
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कटारिया ने कहा सरकार ऐसे अधिकारियों पर अभियोजन की स्वीकृति नहीं देकर उन्हें अमर करने का काम कर रही है. कटारिया ने कहा सरकार 244 (2) में किसी भ्रष्ट अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाएं और यदि अभियोजन के दौरान सरकार केस हार भी जाती है तो फिर इन्हें तनख्वाह और पेंशन दें. लेकिन कम से कम इन अधिकारियों को डिपार्टमेंट में कोई काम नहीं रहेगा तो एक संदेश तो जाएगा कि विभाग में भ्रष्ट अधिकारियों को भी हटाया जा रहा है.
महिला अपराधों में राजस्थान नंबर वन
कटारिया ने कहा कि आज महिला अपराध में राजस्थान पहले नंबर के पायदान में आ चुका है. हत्या के मामलों में राजस्थान देश मे छठे नम्बर पर है. कटारिया ने कहा कि उनके गृहमंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान जेलों में करोड़ों रुपए खर्च करके जैमर लगाए गए. लेकिन उसका कोई फायदा नहीं मिल पाया. क्योंकि आज भी जेल में अपराधी फोन के जरिए अपराधों को अंजाम दे रहे हैं.
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कटारिया ने यह भी कहा कि पुलिस विभाग में संसाधन जुटाने के नाम पर बजट का अलॉटमेंट तो कर दिया जाता है. लेकिन उसको पूरा खर्च नहीं किया जाता. यही कारण है कि आज भी विभाग में संसाधनों की बेहद कमी है.
छोटे पुलिस कर्मियों को भी समय पर मिले प्रमोशन
कटारिया ने कहा कि आरपीएस और आईपीएस अधिकारियों के प्रमोशन यदि 4 दिन लेट हो जाए तो पेट में दर्द हो जाता है. लेकिन कांन्स्टेबल से हेड कांस्टेबल और एसआई तक के प्रमोशन सालों तक अटके रहते हैं. उस दिशा में यह अधिकारी कोई काम नहीं करते. लेकिन विभाग की मजबूती इन नीचे स्तर के पुलिस कर्मियों से ही है. ऐसे में जब तक इन्हें मजबूत नहीं किया जाएगा तब तक स्थिति में सुधार कैसे होगा?. कटारिया ने इस दौरान कोरोना कालखंड के दौरान मौत का शिकार हुए पुलिसकर्मियों के बच्चों की संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी सरकार की ओर से वहन करने की भी मांग की.