जयपुर.आरक्षण प्रमाण पत्र मामले में लगाए सरकार के राइडर पर पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा नेता ने आपत्ति जताई है. पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि भर्ती परीक्षा के बाद अभ्यर्थी के दस्तावेजों का सत्यापन होता है. यदि उस दौरान अभ्यर्थी के पास संबंधित प्रमाण पत्र न हो तब उसे इस भर्ती परीक्षा से बाहर रखा जाए, लेकिन आवेदन की अंतिम तारीख तक प्रमाण पत्र बनाए जाने का राइडर (Vasudev Devnani Raised Objection on Rider) किसी भी दृष्टि से सही नहीं माना जा सकता.
देवनानी के अनुसार ऐसे भी सरकार सफल अभ्यर्थियों के 3 गुना को इंटरव्यू और प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए बुलाती है, ताकि आवेदन पत्र में गलत जानकारी देने वाले लोगों को बाहर कर उसके बाद के अभ्यर्थियों को भर्ती (Recruitment Examinations in Rajasthan) का मौका मिले. देवनानी ने यह भी कहा कि कई बार आरक्षण से जुड़ा प्रमाण पत्र बनाने में लंबा समय लग जाता है, खासतौर पर आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के ईडब्ल्यूएस आरक्षण प्रमाण पत्र बनने में 15 दिन से भी ज्यादा समय लग जाता है.