जयपुर.राजस्थान के 6 जिलों में हुए पंचायती राज चुनाव (Rajasthan Panchayat election 2021) के नतीजे आ चुके हैं. चुनावी नतीजों के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर शुरू हुआ सिर फुटव्वल का दौर खत्म होने के नाम नहीं ले रहा है. चुनाव के दौरान जयपुर में बहुमत होने के बाद भी जिला प्रमुख का पद पार्टी की ओर से गंवाने के बाद शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है.
जयपुर में हुई हार के मामले में कांग्रेस के ही विधायक वेद सोलंकी पर आरोप लगे. इसके जवाब में वेद सोलंकी ने भी भरतपुर और जैसलमेर, सीकर में पहले हुए पंचायती राज चुनाव में क्रॉस वोटिंग का मुद्दा उठा दिया लेकिन ये सब यहीं शांत नहीं हुआ. विरोध और विवाद के स्वर अब सिरोही से निकलकर सामने आ रहे हैं. सिरोही में चुनावी नतीजों को लेकर विवाद छिड़ गया है. स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता से लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में यहां के चुनावी परिणाम को लेकर रोष बना हुआ है.
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यहां कांग्रेस पार्टी न केवल जिला प्रमुख बनाने में असफल रही बल्कि 5 समितियों में से केवल एक पंचायत समिति आबूरोड में प्रधान बना सकी है. इतनी बुरी हार के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर विवाद जारी है. लेकिन ये विवाद कांग्रेस पार्टी के नेताओं में आपस मे नहीं है बल्कि निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के साथ बाकी कांग्रेस नेताओं का है. यहां टिकट वितरण के बाद राज्यसभा सांसद नीरज डांगी भी नाराज हो गए थे.
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उन्होंने चुनाव में दूरी बना ली थी. हालात ये बने की टिकट वितरण में निर्दलीय विधायक को तवज्जो ज्यादा मिलने पर नाराज सिरोही के नेताओं ने अजय माकन को इसकी शिकायत भी भेज दी है. खास बात यह है कि भेजा गया पत्र चुनाव के बाद नहीं बल्कि टिकट वितरण होने के ठीक बाद शिकायत के साथ भी दिया गया था. इसमें बताया था कि टिकट वितरण में गड़बड़ी हुई है ऐसे में कांग्रेस पार्टी के पक्ष में नतीजे नहीं आएंगे.
पूर्व उप मुख्य सचेतक बोले-सही टिकट बंटते तो जीत मिलती
कांग्रेस के पूर्व उप मुख्य सचेतक रतन देवासी ने कहा कि 8 महीने पहले जालोर में जो चुनाव हुए वहां कांग्रेस पार्टी ने कई जगह प्रधान बनाए. लेकिन सिरोही में हमारा प्रदर्शन खराब रहा. चुनाव में खराब नतीजो का कारण एक ही है कि नेता सामूहिक तौर पर मिलकर चुनाव नहीं लड़े. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कार्यकर्ता तो मेहनत करके रिजल्ट देने को तैयार था. लेकिन कहीं भी सामूहिक तौर पर स्थानीय नेता चुनाव में नहीं लड़े. देवासी ने कहा कि हमारे राज्यसभा सांसद नीरज डांगी भी कह चुके हैं और मेरा भी यही मानना है कि टिकट वितरण को लेकर सभी में रोष था. अगर सब लोग मिलकर चुनाव लड़ते तो कांग्रेस के पक्ष में परिणाम आता.
उन्होंने कहा कि अगर चुनाव में विधायक प्रत्याशी, सांसद प्रत्याशी, विधायक ,सांसद ओर अन्य नेताओं की सामूहिक राय ली जाती और फिर टिकट वितरण होता तो नतीजे कुछ और आते हैं. उन्होंने नाम लिए बगैर निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा पर हमला करते हुए कहा की एक व्यक्ति कभी सब कुछ नहीं कर सकता है. रतन देवासी ने कहा कि वह कांग्रेस के अनुशासित व्यक्ति हैं. ऐसे में पार्टी के अंदर उन्होंने अपनी बात रख दी है.