जयपुर. रीट परीक्षा पेपर लीक मामले (REET Paper Leak Case) में लगातार एक बाद एक खुलासे सामने आते जा रहे हैं. ऐसे में इस चुनावी माहौल में विपक्ष को भी सत्ता पक्ष को घेरने का मौका मिल गया है. यही वजह है कि बीजेपी में सभी बड़े नेता इस मामले को लेकर हमलावर हैं. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी इस पूरे मामले पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि REET परीक्षा में उजागर हुआ आपराधिक भ्रष्टाचार स्तब्ध कर देने वाला.
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने ट्वीट (Vasundhara Raje tweet on REET case) कर कहा कि परीक्षाओं की निष्पक्षता, पारदर्शिता और उसकी पवित्रता हर संदेह से परे होनी चाहिए. इस लिए यह बहुत ही चिंताजनक बात है कि जांच एजेंसियों ने REET पेपर लीक मामले में शिक्षा संकुल को ही संदेह के घेरे में ला खड़ा कर दिया है. REET परीक्षा में उजागर हुआ आपराधिक भ्रष्टाचार स्तब्ध कर देने वाला हैं.
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रीट पेपर लीक मामले में एसओजी जांच कर रही है. ऐसे में रोजाना इस मामले में एसओजी की ओर से मामले से जुड़े हर व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. जांच में कई बड़े नाम सामने आ चुके हैं. वहीं इस मामले में भाजपा की ओर से मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर भी गहलोत सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास लगातार किया जा रहा है. मामले को लेकर सतीश पूनिया, गजेंद्र सिंह शेखावत, रामलाल शर्मा समेत कई नेता सीबीआई जांच की मांग को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साध रहे हैं.
राजनीतिक आकाओं की सरपरस्ती में पेपर लीक हुआ, जिसके तार मंत्रिमंडल तक जा रहे: राठौड़
राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि रीट पेपर लीक प्रकरण में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारोली की ओर से यह स्वीकारना कि ''बिना राजनीतिक संरक्षण के पेपर लीक नहीं हो सकता. यह काम 100 प्रतिशत राजनीतिक संरक्षण में ही हुआ है'' साबित करता है कि सत्ता में ऊंचे ओहदों पर बैठे लोग भी इसमें शामिल हैं.
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राठौड़ ने कहा कि एसओजी तत्काल प्रभाव से इन्हें गिरफ्तार करे और रिमांड पर लेकर पूछताछ करे कि रीट पेपर लीक मामले में राजनीतिक संरक्षण में कौन-कौन से बड़े किरदार हैं जिन्होंने पेपर लीक करवाकर लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि रीट पेपर लीक मामले में चौतरफा घिरने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट सत्र में नकल और पेपर लीक के संबंध में कठोर प्रावधान लाने की बात कह रहे हैं लेकिन अगर मुख्यमंत्री ने विगत वर्ष 17 अक्टूबर 2021 को नया नकल अध्यादेश लाने घोषणा को अमलीजामा पहनाया होता तो आज नकल माफिया में भी खौफ रहता और भर्ती प्रक्रियाओं में प्रश्नचिन्ह नहीं लगता.
राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री आप रीट पेपर लीक प्रकरण में विपक्ष पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का आरोप लगा रहे हैं लेकिन आप स्वयं युवाओं के भविष्य के प्रति जरा भी सजग और गंभीर होते तो आपके शासन में रीट के अलावा लाइब्रेरियन, एसआई व जेईएन भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक नहीं हुए होते और युवाओं को सड़कों पर उतरना नहीं पड़ता.