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पूर्व मुख्यमंत्रियों को खाली करने होंगे सरकारी आवास, SC ने खारिज की राज्य सरकार की अपील - Government bunglow for fromer cm

पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन मंत्री पद की सुविधाओं देने वाले अधिनीयम पर राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने यथावत रखा है. इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान मंत्री वेतन संशोधन अधिनियम, 2017 की धारा 7 बीबी और धारा 11(2) को रद्द कर करते हुए कहा है कि लोकतंत्र में पूर्व मुख्यमंत्री और आमजन में कोई अंतर नहीं है.

Government bunglow for fromer cm, पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन मंत्री पद
Former Chief Ministers to vacate government housing

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Published : Jan 6, 2020, 11:12 PM IST

जयपुर.प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने सरकारी बंगले खाली करने होंगे. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें सरकार ने राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से इस संबंध में दिए आदेश को चुनौती दी थी. न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार की अपील को खारिज करते हुए माना कि राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले में कोई खामी नहीं है.

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राजस्थान हाइकोर्ट ने गत वर्ष 4 सितंबर को मिलाप चंद डंडिया की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था की लोकतंत्र में आमजन और पूर्व मुख्यमंत्री में कोई अंतर नहीं है. ऐसे में उन्हें इस तरह आजीवन आवास सहित अन्य सुविधाएं नहीं दी जा सकती. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में राजस्थान मंत्री वेतन संशोधन अधिनियम, 2017 की धारा 7 बीबी और धारा 11(2) को रद्द कर दिया था.

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डंडिया की ओर से जनहित याचिका में कहा गया था की राज्य सरकार ने राजस्थान मंत्री वेतन संशोधन अधिनियम, 2017 में प्रावधान कर पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सुविधाएं देने का प्रावधान किया. इसके तहत पूर्व मुख्यमंत्री को आजीवन आवास, कार और नौ लोगों का स्टाफ निशुल्क उपलब्ध कराया गया. इसके अलावा संविधान में सिर्फ पद पर रहने वाले मुख्यमंत्री और मंत्री आदि के वेतन-भत्तों को लेकर प्रावधान किए गए हैं.

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