जयपुर. प्रदेश में गुरुवार को गहलोत सरकार का दूसरा बजट पेश किया गया. बजट में कई घोषणाएं की गईं लेकिन वन विभाग के बारे में कोई जिक्र नहीं हुआ. जिसके कारण वनकर्मी निराश नजर आए. वन कर्मियों ने कहा कि पूरे बजट में वन्यजीवों का नाम ही नहीं लिया गया. बजट में ना तो वन्यजीवों के लिए कोई घोषणा हुई है, ना वन्यजीव सुरक्षा के लिए संसाधनों का जिक्र किया और ना ही वर्षों से खाली पड़े पदों को भरने के लिए घोषणा हुई.
ऑल इंडिया फॉरेस्ट ऑफिसर फेडरेशन के वाइस चेयरमैन और राजस्थान वन अधीनस्थ कर्मचारी संघ के प्रदेश संयोजक बनवारी लाल शर्मा ने बताया, वनों में बढ़ते हुए अपराध और घटते हुए सुरक्षा बल पर बजट में कोई फोकस नहीं किया गया है. जब की बजट से उम्मीद थी कि बढ़ते हुए अपराधों को रोकने के लिए संसाधन मुहैया होंगे. साथ ही रिक्त पदों पर वन कर्मियों की भर्ती होगी. जानकारी के अनुसार करीब 2000 से ज्यादा वन कर्मियों के पद खाली हैं. 200 पद फॉरेस्टर के खाली हैं, 100 से ज्यादा एसीएफ के पद रिक्त पड़े हुए हैं. साथ ही रेंजर्स के पद भी खाली पड़ी हैं. लेकिन वन विभाग में खाली बड़े पदों के बारे में कोई घोषणा नहीं की गई है.