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प्रश्नकाल में सवालों के जवाब देने में असहज हुए वनमंत्री, स्पीकर बोले-आपका काम निर्देश देना, प्रोटेक्ट करना नहीं... - Speaker seems not satisfied with forest minister reply

राजस्थान विधानसभा में आज वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने वन भूमि पर अतिक्रमण से जुड़े मामले पर सवाल का जवाब दिया. इस दौरान वे अपने ही जवाबों में उलझते हुए नजर आए. इसके चलते विधानसभा स्पीकर उनके जवाबों से संतुष्ट नजर नहीं आए (Speaker seems not satisfied with forest minister reply) और मंत्री से कहा कि उनका काम अधिकारियों को निर्देश देने का है, प्रोटेक्ट करने का नहीं.

Forest Minister uncomfortable while reply on encroachment
सवालों के जवाब देने में असहज हुए वनमंत्री

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Published : Mar 8, 2022, 4:49 PM IST

जयपुर.राजस्थान विधानसभा में मंत्री हेमाराम चौधरी अपने ही जवाबों में उलझते हुए दिखाई (Forest Minister uncomfortable while reply on encroachment) दिए. इस दौरान विधानसभा स्पीकर ने मंत्री को याद दिलाया कि उनका काम अधिकारियों को निर्देशित करने का है, प्रोटेक्ट करने का नहीं. मामला वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण से जुड़ा हुआ था.

आज टाटगढ़ क्षेत्रीय वन अधिकारी के विरुद्ध शिकायतों से जुड़े सवाल के जवाब में वन मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि अधिकारी के विरुद्ध विधायक के शिकायती पत्र प्राप्त हुए. जिसके बाद जांच टीम का गठन किया गया और जांच रिपोर्ट मार्च 2021 में प्रस्तुत की जा चुकी है. लकड़ी से भरी जो प्राइवेट गाड़ी पकड़ी गई, उस पर 1 लाख 11 हजार का जुर्माना लगाया गया है. इसपर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि कीमती लकड़ियों की वहां पर कटाई हो रही है. इसे रोकने के लिए अधिकारियों को निर्देशित करें.

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इस पर वन मंत्री ने कहा कि स्पेशल टीम जयपुर से भेजकर जांच करवा लूंगा. जब बाड़ ही खेत को खाने लग जाए, तो उसका कोई इलाज नहीं. अगर कोई बेईमानी करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है. छबड़ा विधानसभा क्षेत्र में वन भूमि पर अवैध निर्माण संबंधी सवाल पर हेमाराम चौधरी ने जवाब में कहा कि इस मामले में सीमा विवाद भी चल रहा है. कोर्ट ने स्टे दिया है, लेकिन वन विभाग की भूमि का नहीं दिया है. इसपर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पूछा विभाग अतिक्रमण मान रहा है, इस पर स्टे भी नहीं है तो फिर अतिक्रमण हटाया क्यों नहीं जा रहा है?

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मंत्री के जवाब से स्पीकर नहीं हुए संतुष्ट:वनमंत्री के जवाब से स्पीकर संतुष्ट नजर नहीं आए. तब स्पीकर ने कहा कि मंत्री का काम निर्देश देने का है. वे उन्हें प्रोटेक्ट करने का काम क्यों कर रहे हैं? विभाग के अधिकारियों को निर्देश दें कि कार्रवाई करें. मंत्री का काम डायरेक्शन देने का है.

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स्पीकर को पूछना पड़ा सप्लीमेंट सवाल: प्रश्नकाल में एक रोचक वाकया भी हुआ. जब तय समय से पहले ही सभी सूचीबद्ध सवाल समाप्त हो गए. दरअसल आज कुछ विधायकों के अनुपस्थित रहने के चलते उनके सवालों पर चर्चा नहीं हो सकी और 12 बजने में 2 मिनट शेष रहते सभी सवाल खत्म हो गए. आखिरी के सवालों में विधायकों ने जब सप्लीमेंट सवाल नहीं पूछे तो स्पीकर ने खुद पूरक सवाल पूछे ताकि प्रश्नकाल 12 बजे तक चल सके. माना जा रहा है कि भाजपा विधायक वसुंधरा राजे के जन्मदिन के कार्यक्रम के चलते केशोरायपाटन चले गए. इसके चलते उनके सवालों के जवाब नहीं मिल सके और प्रश्न जल्दी समाप्त हो गए.

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