जयपुर.राजस्थान विधानसभा में मंत्री हेमाराम चौधरी अपने ही जवाबों में उलझते हुए दिखाई (Forest Minister uncomfortable while reply on encroachment) दिए. इस दौरान विधानसभा स्पीकर ने मंत्री को याद दिलाया कि उनका काम अधिकारियों को निर्देशित करने का है, प्रोटेक्ट करने का नहीं. मामला वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण से जुड़ा हुआ था.
आज टाटगढ़ क्षेत्रीय वन अधिकारी के विरुद्ध शिकायतों से जुड़े सवाल के जवाब में वन मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि अधिकारी के विरुद्ध विधायक के शिकायती पत्र प्राप्त हुए. जिसके बाद जांच टीम का गठन किया गया और जांच रिपोर्ट मार्च 2021 में प्रस्तुत की जा चुकी है. लकड़ी से भरी जो प्राइवेट गाड़ी पकड़ी गई, उस पर 1 लाख 11 हजार का जुर्माना लगाया गया है. इसपर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि कीमती लकड़ियों की वहां पर कटाई हो रही है. इसे रोकने के लिए अधिकारियों को निर्देशित करें.
इस पर वन मंत्री ने कहा कि स्पेशल टीम जयपुर से भेजकर जांच करवा लूंगा. जब बाड़ ही खेत को खाने लग जाए, तो उसका कोई इलाज नहीं. अगर कोई बेईमानी करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है. छबड़ा विधानसभा क्षेत्र में वन भूमि पर अवैध निर्माण संबंधी सवाल पर हेमाराम चौधरी ने जवाब में कहा कि इस मामले में सीमा विवाद भी चल रहा है. कोर्ट ने स्टे दिया है, लेकिन वन विभाग की भूमि का नहीं दिया है. इसपर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पूछा विभाग अतिक्रमण मान रहा है, इस पर स्टे भी नहीं है तो फिर अतिक्रमण हटाया क्यों नहीं जा रहा है?