जयपुर.कोरोना वायरस को लेकर राजस्थान समेत पूरा देश लॉकडाउन है. लॉकडाउन में खाद्य, मेडिकल और अन्य जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी तरह के व्यापार और सभी उद्योग धंधों पर प्रतिबंध लगाया गया है. खास बात ये है कि लॉकडाउन में चंद विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को कारोबार करने की सरकार की ओर से छूट दी गई है. ऐसे में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को कारोबार की छूट दिए जाने पर ऑल राजस्थान दुकानदार महासंघ के आह्वान पर तमाम व्यापारिक संगठनों ने इसका विरोध जताया है. व्यापारियों ने लॉकडाउन में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के कारोबार किए जाने पर सवाल उठाया है. व्यापारियों ने सरकार से विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के कारोबार प्रतिबंधित किए जाने की मांग की है.
व्यापारियों की मानें तो राजस्थान में लाखों व्यापारियों का इससे नुकसान हो रहा है. भारत का रुपया ई-कॉमर्स कंपनियों के माध्यम से विदेशों में जा रहा है. लिहाजा लॉकडाउन तक सरकार उन पर प्रतिबंध लगाए. यहीं नहीं व्यापारियों ने केंद्र सरकार की ओर से 3 महीने तक लोन और अनसिक्योर्ड लोन को लेकर जारी की गई गाइडलाइन में पुनर्विचार करने की अपील की है.
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ऑल राजस्थान दुकानदार महासंघ ने सरकार से मांग की है कि 3 महीने तक लोन की ईएमआई को पूरी तरह खत्म की जाए और लोन में लिए जाने वाले ब्याज में छूट देकर रियायत दी जाए. 3 महीने तक व्यापारियों का कारोबार ठप हो चुका है. ऐसे में व्यापारी वर्ग के हित को ध्यान में रखते हुए शीघ्र सभी मांगों को पूरा किए जाने की मांग की है. हालांकि लॉकडाउन में सभी व्यापारी फेसबुक, ट्विटर समेत सोशल मीडिया के जरिए लगातार सरकार तक अपनी आवाज पहुंचा रहे है
ऑल राजस्थान दुकानदार महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष किशोर कुमार टांक ने बताया कि सरकार की ओर से आपने घरेलू खुदरा व्यापारियों के हितों को अनदेखा कर विदेशी स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनियों को 20 अप्रैल से एक गैर आवश्यक वस्तुओं को ऑनलाइन के माध्यम से विक्रय करने की अनुमति प्रदान की गई है.