जयपुर.सभी नगरीय निकायों के लिए होर्डिंग राजस्व का एक बड़ा स्रोत है, जिसको यदि बढ़ाया जाए तो कुल राजस्व का करीब 25 फीसदी होर्डिंग से वसूली हो सकती है. यही वजह है कि अब नगर निगम ग्रेटर में होर्डिंग साइट बढ़ाकर 1,000 करने की तैयारी की जा रही है.
ग्रेटर नगर निगम में वर्तमान होर्डिंग साइट:
- यूनीपोल-152
- डिजिटल यूनीपोल-14
- बस शेल्टर-22
- लघु विज्ञापन-52
- गैंट्री-17
- टावर-26
- सुलभ शौचालय-21
इनके अलावा, दुर्गापुरा और अजमेर एलिवेटेड पर करीब 100 से ज्यादा होर्डिंग साइट्स हैं. ग्रेटर नगर निगम रेवेन्यू उपायुक्त नवीन भारद्वाज ने बताया कि जिस तरह से शहर का विस्तार हुआ है, उनमें प्रमुख सड़कों पर यूनीपोल, गैंट्री और अन्य नई साइट की शुरुआत की जाएगी. उन्होंने बताया कि नगर निगम जयपुर ग्रेटर के लिए विज्ञापन उपविधि बनी हुई है, जिसके अनुसार कोई भी व्यक्ति जो विज्ञापन करना चाहता है, वो अपने प्रतिष्ठान पर विज्ञापन लगाने से पहले या लगाने के दौरान निगम से लिखित में परमिशन लेता है. जिसकी प्रति स्क्वायर फीट के हिसाब से दर तय है. इसके अलावा कुछ विज्ञापन साइट नगर निगम खुद जनरेट करता है, जिसको ऑक्शन के माध्यम से वेंडर्स को दिया जाता है.
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उन्होंने बताया कि इस वर्ष होर्डिंग साइट के माध्यम से तकरीबन 13 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है और यदि अवैध होर्डिंग लगाने का प्रकरण है, उन पर नगर निगम की जोन टीम द्वारा हटाने की कार्रवाई की जाती है. उन्हें जब्त किया जाता है और समय-समय पर जुर्माने वसूलने की भी कार्रवाई की जाती है. इसके अलावा कुछ जगह सोसायटी के गेट पर भी सोसाइटी नाम के साथ कुछ विज्ञापन लगे होते हैं, जो पूरी तरह अवैध है. इनके खिलाफ अभियान चलाकर हटाया जाएगा और जिन भी कंपनियों द्वारा ये विज्ञापन लगाए जाते हैं, उनके हेड ऑफिस नोटिस देकर वसूली की जाएगी.
ग्रेटेर और हेरिटेज के बंटवारे में 60:40 अनुपात में होर्डिंग साइट रेवेन्यू हिस्से में आया. तकरीबन 1 करोड़ 80 लाख रेवेन्यू प्राप्त हुआ है, लेकिन हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में होर्डिंग साइट की संख्या तुलनात्मक दृष्टि से काफी कम है.