जयपुर. रेप पीड़िता परिवार की पहचान उजागर करने के मामले में भाजपा ने राहुल गांधी के खिलाफ इस्तगासा दायर किया है. गोठवाल ने भाजपा विधि विभाग से जुड़े विधि विशेषज्ञों के साथ सेशन कोर्ट पहुंच कर यह इस्तगासा दायर किया.
इससे पहले 5 अगस्त को जितेंद्र गोठवाल के नेतृत्व में अंबेडकर सर्किल से अशोक नगर थाना तक पैदल मार्च निकालकर राहुल गांधी के खिलाफ FIR दी गई थी, लेकिन पुलिस ने उसे दर्ज नहीं किया. ऐसे में मजबूर होकर गोठवाल ने अब कोर्ट की शरण ली है.
क्या कहा जितेंद्र गोठवाल ने... इस्तगासा दायर करने के बाद मीडिया से बातचीत में गोठवाल ने बताया कि इस्तगासा में राहुल गांधी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और बाल संरक्षण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है. गोठवाल ने कहा कि राहुल गांधी ने रेप पीड़िता परिवार से मुलाकात के बाद जिस तरह ट्विटर (Twitter) पर अपनी राजनीति चमकाने के लिए फोटो वायरल की, उससे दलित और पीड़ित परिवार की पहचान उजागर हुई, जो कानूनी दृष्टि से सही नहीं है.
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ऐसे में भाजपा चाहती है कि राहुल गांधी के खिलाफ सख्त कानूनी धाराओं के तहत कार्रवाई की जाए. यदि न्याय नहीं मिला तो भाजपा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाएगी.
राहुल गांधी के खिलाफ इस्तगासा दायर... क्या है मामला और परिवाद में अधिवक्ता ने क्या कहा...
नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के परिवार की पहचान सार्वजनिक करने के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा के प्रदेश मंत्री जितेंद्र गोठवाल ने शहर की निचली अदालत में परिवाद पेश किया गया है. परिवाद को रिपोर्ट के लिए 11 अगस्त को सूचीबद्ध किया गया है.
परिवाद में अधिवक्ता दिनेश पाठक ने बताया कि दिल्ली के कैंट एरिया में नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के बाद राहुल गांधी ने पीड़िता की मां के साथ मुलाकात की थी. राहुल गांधी के ट्विटर अकाउंट पर इस मुलाकात की फोटो को गत 4 अगस्त को अपलोड किया गया. जिसके कारण पीड़िता और उसके परिवार की पहचान सार्वजनिक हो गई.
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परिवाद में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार किसी भी बलात्कार पीड़िता का नाम, पता, स्कूल और यहां तक कि उसके पड़ोस की जानकारी भी सार्वजनिक नहीं की जा सकती. इसके बावजूद राहुल गांधी ने दुष्कर्म पीड़िता की मां की फोटो ट्विटर पर अपलोड कर अपराध किया है. परिवाद में ट्विटर कम्युनिकेशन को भी आरोपी बनाया गया है. परिवादी की ओर से पॉक्सो अधिनियम की धारा 23, आईपीसी की धारा 228, बाल संरक्षण अधिनियम की धारा 74 और आईटी एक्ट की धारा 67ए के तहत आरोप लगाए गए हैं.