जयपुर. कोरोना काल में पिछले डेढ़ साल से मुफलिसी की मार झेल रहे राजस्थान के कलाकरों को संजीवनी मिल गई है. राजस्थानी लोककला को समझने और उनकी महत्ता को बनाए रखने के लिए कला के कद्रदानों ने हाथ बढ़ाए हैं. ऐसे में अब राजस्थानी लोक कला का जादू बिखरेगा और लोगों को सांस्कृतिक उल्लास में सराबोर करेगा.
राजस्थानी लोक कलाकारों को मिले कद्रदान Etv भारत पर खबर प्रसारित के बाद पहले कुछ भामाशाह खाद्य सामग्री लेकर कलाकारों के बीच पहुंचे फिर सरकार ने भी इनको आर्थिक मदद देने का ऐलान किया. इसके बाद अब सामाजिक संगठनों ने भी इन कलाकारों को वर्चुअल मंच के जरिए कार्यक्रम प्रस्तुत करने का न्योता दिया है. 'मान द वेल्यू फाउंडेशन' ने 200 से ज्यादा कलाकरों की वर्चुअल प्रोग्राम के जरिये आर्थिक मदद करेगा. इससे कलाकरों का मान सम्मान भी बना रहेगा और उन्हें जीवनयापन के लिए मदद भी मिल जाएगी.
'मान द वैल्यू फाउंडेशन' देगा सहारा
'मान द वैल्यू फाउंडेशन' की चेयरपर्सन मनीषा सिंह ने Etv भारत पर खबर चलने के बाद प्रदेश के अलग-अलग 200 से ज्यादा कलाकारों को वर्चुअल प्रोग्राम के लिए न्योता दिया है. वर्चुअली होने वाले इस कार्यक्रम के जरिये कोरोना गाइड लाइन की पालना भी होती रहेगी और कलाकारों को भी आर्थिक मदद मिल सकेगी. फाउंडेशन की चेयरपर्सन मनीषा सिंह ने बताया कि Etv भारत पर जब उन्होंने प्रदेश के कलाकारों की कोरोना काल के दौरान आर्थिक हालातों पर प्रसारित खबर देखी तो उनके मन में ख्याल आया कि उन्हें भी इस संकट के समय कलाकरों की मदद करनी चाहिए.
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मनीषा बताती हैं कि वैसे तो उनका फाउंडेशन झुग्गी-झोपड़ी, कच्ची बस्ती और अनाथ आश्रम में लगातार जरूरतमंदों तक खाद्य सामग्री पहुंचा रहा है जबकि कई अन्य संगठनों के जरिये कलाकारों को खाद्य सामग्री भी मिल रही थी. ऐसे में सोचा कि क्यों न इन लोक कलाकारों के लिए वर्चुअल प्रोग्राम आयोजित किया जाए. इससे कलाकारों की कला का भी प्रचार होगा और उनकी आर्थिक मदद भी हो सकेगी.
ताकि बना रहे कलाकारों का मान-सम्मान
मनीषा सिंह ने कहा कि राजस्थान के लोक कलाकारों ने अपनी कला के जरिये देश-विदेश में अपनी पहचान बनाई है. Etv भारत पर प्रसारित खबर में कालबेलिया कलाकारों ने साफ कहा था कि वे भूखे मर जाएंगे लेकिन किसी के आगे हाथ नहीं फैलाएंगे. ऐसे में लगा कि महामारी के बीच क्यों न ऐसा कोई माध्यम चुना जाए जिससे इन कलाकारों को आर्थिक मदद भी मिल जाए और उनका मान-सम्मान भी बना रहे. इसके लिए फाउंडेशन 10 से ज्यादा वर्चुअल प्रोग्राम आयोजित कर 200 से ज्यादा कलाकारों को आर्थिक मदद देने की कोशिश करेगा.
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वर्चुअल होने वाले दस प्रोग्राम में अलग-अलग राजस्थानी कलाकारों को अपनी कला प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा. इसमें जयपुर, बाड़मेर, जैसलमेर जिले के कलाकारों को मौका मिलेगा. फाउंडेशन की चेयरपर्सन ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस महामारी के वक्त हम सब को मिल कर उन कलाकरों की मदद के लिए आगे आना चाहिए जिन्होंने अपनी लोककलाओं के दम पर विश्वभर में राजस्थान की संस्सकृति को जिंदा रखा है.