जयपुर. शहर की राह आसान हो, लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें, इसके लिए सरकार ने राजधानी के द्रव्यवती नदी, रिंग रोड, एलिवेटेड रोड, भूमिगत मेट्रो, स्मार्ट रोड जैसे प्रोजेक्ट को लेकर कमर कसी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लगाए गए लोगडाउन में एक बार फिर कमर पेटी ढीली हो गई है. इन सभी प्रोजेक्ट्स में पहले ही कि चुनौतियां थी जिनसे निपटने का प्रयास किया जा रहा था. इस वैश्विक महामारी ने इन चुनौतियों को और बढ़ा दिया है. वहीं ये सभी प्रोजेक्ट अब अधर में लटके हुए हैं.
जयपुर के इन पांच बड़े प्रोजेक्ट पर लगा ब्रेक. मेट्रो ट्रेन फेज वन बी पार्ट:
कांग्रेस सरकार ने अपने बजट घोषणा में बीते वित्तीय वर्ष में भूमिगत मेट्रो को शुरू करने का दावा किया था. इसे लेकर रेलवे सेफ्टी कमिश्नर ने दौरा भी किया और कुछ कमियों को दूर करने के बाद सर्टिफिकेट देने की बात भी कही थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते इन कमियों को अब तक दूर नहीं किया जा सका है.
द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट:
शहर के बड़े प्रोजेक्ट में शामिल द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट की लागत 1 हजार 676 करोड़ बताई जाती है। 47 किलोमीटर बनने वाली इस द्रव्यवती नदी का काम पहले ही कछुए की रफ्तार से चल रहा था। और अब कोरोना के चलते ठेकेदारों ने हाथ पीछे खींच लिए हैं.
रिंग रोड प्रोजेक्ट:
18 जनवरी 2018 को रिंग रोड प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ था. 47 किलोमीटर लंबाई वाली रोड का 85 फ़ीसदी काम पूरा हो चुका है. यहां हादसों को रोकने के लिए आगरा रोड, टोंक रोड और अजमेर रोड पर ये क्लोवर लीफ बनने हैं, लेकिन अभी तक आगरा रोड पर जमीन अवाप्ति नहीं हो पाई है. अब कोरोना संक्रमण काल मे जमीन अवाप्ति को लेकर वार्ता भी नहीं हो पा रही.
एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट:
साल 2016 में सोडाला के ट्रैफिक को डायवर्ट करने के लिए, हवा सड़क से अंबेडकर सर्किल तक एलिवेटेड रोड बनाने का काम शुरू किया गया था. 250 करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट की गति पर लॉक डाउन ने ब्रेक लगा दिए हैं.
स्मार्ट सिटी स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट:
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 192 करोड़ की लागत से शहर की 9 सड़कों को स्मार्ट बनाने का काम किया जाना है. किशनपोल बाजार के बाद चांदपोल बाजार में स्मार्ट रोड का काम शुरू हुआ था. एक तरफ की रोड कंप्लीट हो चुकी है, लेकिन मार्च में दूसरी तरफ की रोड का काम शुरू होने के साथ ही थम गया.
ये भी पढ़ें:टिड्डी रिटर्नः धरतीपुत्रों पर छा रहा संकट का बादल...खेतों में मंडरा रहा टिड्डी दल
बहरहाल, राजधानी में करोड़ों के ये प्रोजेक्ट फिलहाल लॉक डाउन के चलते रुके हुए हैं. इस महामारी में मजदूर वर्ग भी पलायन कर चुका है. ऐसे में देखना होगा की लॉक डाउन खुलने के बाद इन प्रोजेक्ट्स के काम को दोबारा पटरी पर लाने में और कितना समय लगता है.