जयपुर.कोरोना काल में देश के अधिकतर अस्पतालों में अति आवश्यक और कैंसर ऑपरेशन को छोड़ कर अन्य सामान्य और जटिल ऑपरेशन स्थगित किये जा रहे है. वहीं सवाई मानसिंह चिकित्सालय के यूरोलॉजी एवं गेस्ट्रो सर्जरी विभाग द्वारा गुर्दा और लीवर का सफल प्रत्यारोपण किया गया. इसमें पहली बार 63 वर्षीय महिला में गुर्दों का प्रत्यारोपण किया.
एसएमएस अस्पताल ने दावा किया है कि इतनी अधिक उम्र में गुर्दा प्रत्यारोपन करने वाला एसएमएस अस्पताल उत्तर भारत का पहला अस्पताल है. दरअसल, उनियारा टोंक निवासी अंकित कि दुर्घटना में ब्रेन डेड होने के बाद अंकित के परिजनों से बात की गई. जिसके बाद परिवार ने अंकित के अंग दान करने का निर्णय लिया. इस तरह अंकित अपना हार्ट, लीवर और दोनों किडनी का दान देकर चार व्यक्तियों को जीवनदान दे गया.
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यूरोलॉजी विभाग से डॉ एस.एस. यादव ने बताया कि विभाग की ओर से पहली बार एक साथ कैडवरीक गुर्दा प्रत्यारोपण दो महिलाओं में किया गया. इनमें से एक महिला 63 वर्ष की थी. उत्तरी भारत में 63 साल की महिला में कैडवरीक गुर्दा प्रत्यारोपण का सम्भवतया पहला मामला है. महिला के दोनों गुर्दे सफलता पूर्वक काम कर रहे हैं.
यह गुर्दा दोनों गुर्दा प्रत्यारोपण डॉ. एस.एस. यादव वरिष्ठ आचार्य एवं विभागाध्यक्ष यूरोलॉजी विभाग के नेतृत्व में किये गये. इसके अलावा लीवर ट्रांसप्लाट भी एसएमएस अस्पताल में किया गया. लिवर ट्रांसप्लांट प्रक्रिया को लेकर गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉ. राम डागा ने बताया कि यह ट्रांसप्लाट पेट में बार-बार पानी भरने और संक्रमण होने की वजह से सामान्य से अधिक मुश्किल था.