जयपुर. धौलपुर जिले के बाड़ी में विद्युत निगम कार्यालय के एईएन और जेईएन के साथ की गई बेरहमी से मारपीट मामले में विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा सहित अन्य लोगों के खिलाफ (FIR Against MLA giriraj Malinga ) एफआईआर दर्ज की गई. लेकिन अब तक विधायक मलिंगा के खिलाफ राजस्थान पुलिस ने कोई भी एक्शन नहीं लिया है. विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के चलते पूरे प्रकरण की जांच पुलिस मुख्यालय की सीआईडी क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है.
प्रकरण में पीड़ित के पर्चा बयान होने के बावजूद भी अब तक पुलिस मलिंगा की ओर (police is not arresting the MLA giriraj Malinga) देखने से भी कतरा रही है. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि आखिरकार ऐसी क्या मजबूरी है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद पीड़ित का पर्चा बयान होने के बाद भी पुलिस मलिंगा को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है.
बयान तो हो गए, लेकिन कौन डाले हाथःपुलिस मुख्यालय के सूत्रों की मानें तो प्रकरण में पीड़ित के बयान दर्ज होने के बाद भी पुलिस विधायक मलिंगा के खिलाफ एक्शन लेने के लिए आलाकमान की हरी झंडी का इंतजार कर रही है. विधायक मलिंगा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काफी करीबी माने जाते हैं. यही कारण है कि पुलिस इस पूरे मामले में फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रही है. पुलिस इस मामले में आलाकमान को नाराज भी नहीं करना चाहती है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि घटनास्थल पर मौजूद विद्युत विभाग के अन्य कर्मचारियों की ओर से अब तक प्रकरण में कोई बयान पुलिस में नहीं दिया गया है. लेकिन पीड़ित का बयान ही अपने आप में काफी है, जिसके आधार पर पुलिस कार्रवाई कर सकती है.