जयपुर. हरियाणा की शातिर गैंग के खिलाफ दिल्ली के दो पीड़ितों ने अक्टूबर 2018 में सांगानेर सदर थाने में किडनैप करके प्रताड़ित करने और फिरौती मांगने का प्रकरण दर्ज करवाया था. उस दौरान जिस पुलिसकर्मी को इस प्रकरण की जांच सौंपी गई. उसने मामला आपस में रुपयों के लेन-देन का होने की बात कहते हुए प्रकरण में ढिलाई बरती.
पुलिस नहीं करती लापरवाही तो पहले ही पकड़ में आ जाती हरियाणा की खूंखार गैंग - जयपुर
जयपुर से गिरफ्तार की गई हरियाणा की शातिर गैंग के खिलाफ अक्टूबर 2018 में भी एक एफआईआर राजधानी के सांगानेर सदर थाने में दर्ज हुई थी. उस दौरान पुलिस ने मामले में ढील बरतते हुए कोई ठोस कदम नहीं उठाया और यहीं कारण है जिसके चलते गैंग के सदस्यों के हौसले और भी बुलंद हो गए. उसके बाद गैंग के सदस्यों ने राजधानी में एक के बाद एक अनेक किडनैपिंग, एक्सटॉर्शन और फिरौती की वारदातों को अंजाम दिया. अक्टूबर 2018 में सांगानेर सदर थाने में दर्ज हुए प्रकरण में पुलिस द्वारा बरती गई लापरवाही की जांच की जा रही है.
![पुलिस नहीं करती लापरवाही तो पहले ही पकड़ में आ जाती हरियाणा की खूंखार गैंग](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-3895109-thumbnail-3x2-gang.jpg)
पुलिस की इस प्रकरण में बरती गई लापरवाही के परिणाम स्वरूप ही गैंग ने राजधानी में अपने पांव पसारने शुरू कर दिए. जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव का कहना है कि सांगानेर सदर थाने में दर्ज प्रकरण में लापरवाही कहां और किस बिंदु पर बरती गई. इसके बारे में फिलहाल जांच की जा रही है. जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी की प्रकरण में पुलिस द्वारा लापरवाही बरती गई है या नहीं.
आपको बता दें कि 14 जुलाई को जयपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए बगरु थाना इलाके में स्थित शंकरा रेजीडेंसी पर सर्च ऑपरेशन चलाकर हरियाणा के 8 से अधिक शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने बदमाशों के चंगुल से तीन अपहृत लोगों को भी मुक्त करवाया था. इसके साथ ही बदमाशों से हथियार भी पुलिस ने बरामद किए थे.