जयपुर.हेरिटेज नगर निगम को चुंगी पुनर्भरण में हर महीने करीब 10 करोड़ का नुकसान हो रहा है. ऐसे में अब कर्मचारियों की सैलरी रोकने की भी नौबत आ गई है. इस संबंध में हेरिटेज निगम कमिश्नर ने राज्य सरकार को भी लिखा है. हालांकि उनका दावा है कि हुडको से मिलने वाले लोन से ना सिर्फ देनदारियों खत्म (Financial crisis in Heritage Nigam) होंगी, बल्कि विकास कार्यों को भी पंख लगेंगे.
शहर में सड़क, सीवरेज, पार्क और टॉयलेट के काम ठप पड़े हैं. हेरिटेज निगम से जुड़े ठेकेदार करीब 50 करोड़ बकाया भुगतान और 4 महीने से बिलों का निस्तारण नहीं होने के चलते हड़ताल पर हैं. ठेकेदारों का कहना है कि बैंकों में उनके मकान गिरवी हैं, बाजार से भी ब्याज पर पैसा लेकर काम किया गया है, लेकिन निगम से भुगतान नहीं होने की वजह से अब उनकी साख पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. साथ ही ब्याज की लेनदारी लगातार बढ़ती जा रही है. उधर, हेरिटेज निगम अपनी बिगड़ी वित्तीय स्थिति का रोना रो रहा है. आलम ये है कि विकास कार्य करने वाले ठेकेदारों को भुगतान दूर की बात निगम के कर्मचारियों की सैलरी रोकने की प्लानिंग की जा रही है.
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हेरिटेज निगम कमिश्नर अवधेश मीणा ने कहा कि वित्तीय समस्याओं से जूझ रहे हेरिटेज नगर निगम के पास सैलरी के पेटे राज्य सरकार से मिलने वाले चुंगी पुनर्भरण में हर महीने करीब 10 करोड़ का नुकसान चल रहा है. जिसकी वजह से निगम को अपने कर्मचारियों की सैलरी देने में भी परेशानी आ रही है. चूंकि प्राथमिकता निगम के संचालन के साथ सिविल वर्क कराने की है, ऐसे में वित्तीय समस्या का समाधान करने के लिए सरकार को भी लिखा गया है. साथ ही निगम अपने रिसोर्सेज बढ़ाने में भी लगा हुआ है. कोशिश यही है कि जल्द ठेकेदारों की हड़ताल को खत्म किया जाए ताकि दोबारा विकास कार्य शुरू हों.