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Special: राजस्थानी कलाकार बोले- UP की तर्ज पर जयपुर में भी बने Film City

यूपी में फिल्म सिटी बनाए जाने की कवायद को तेज कर दिया है. इधर, राजस्थान में भी फिल्म सिटी के निर्माण को लेकर मांग तेज होने लगी है. राजस्थानी फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों ने भी इस संबंध में अपनी मांग को मुखर होकर सरकार के सामने रखने की तैयारी की है. इन कलाकारों का कहना है कि जयपुर में अगर फिल्म सिटी बन जाती है, तो इसका फायदा ना सिर्फ कलाकारों को मिलेगा. बल्कि राजस्थान की आर्थिक स्थिति को भी इसका फायदा मिलेगा. इस विषय पर चर्चा के दौरान अभिनेता एवं फिल्म निर्माता क्षितिज कुमार, फिल्म निर्देशक अनिल सैनी, फिल्म अभिनेता मोहित दुबे और अभिनेत्री प्रिया राजपूत ने हिस्सा लिया.

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जयपुर में भी बने फिल्म सिटी

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Published : Sep 23, 2020, 8:47 PM IST

Updated : Sep 24, 2020, 7:46 PM IST

जयपुर.बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री पर छाए हालिया विवाद के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में फिल्म सिटी बनाए जाने की कवायद को तेज कर दिया है. इधर, राजस्थान में भी फिल्म सिटी के निर्माण को लेकर मांग तेज होने लगी है. राजस्थानी फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों ने भी इस संबंध में अपनी मांग को मुखर होकर सरकार के सामने रखने की तैयारी की है. इन कलाकारों का कहना है कि जयपुर में अगर फिल्म सिटी बन जाती है, तो इसका फायदा ना सिर्फ कलाकारों को मिलेगा. बल्कि राजस्थान की आर्थिक स्थिति को भी इसका फायदा मिलेगा.

इस चर्चा में भाग लेते हुए अभिनेता और फिल्म निर्माता क्षितिज कुमार ने राजस्थान में फिल्म सिटी की मांग को साढ़े चार दशक पुराना बताया. उन्होंने कहा कि नोएडा में फिल्म सिटी के एलान के बाद राजस्थान से जुड़े कलाकारों के हाथ निराशा लगी है. उन्होंने कहा कि राजस्थानी फिल्म सिटी की मांग को बल देने के जरूरी है कि राजस्थानी भाषा को भी संवैधानिक दर्जा मिलने से जुड़ी है. उन्होंने कहा कि स्थानीय फिल्म इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के जरिए ही यहां फिल्म उद्योग को स्थापित किया जा सकता है. अगर ऐसा हुआ तो ही फिल्म सिटी की राह आसान होगी. उन्होंने नाराजगी जाहिर की और कहा कि सरकार के पास जिन लोगों के जरिए फिल्म सिटी की मांग उठ रही है, वे लोग ही इस प्रोजेक्ट की देरी के जिम्मेदार हैं.

राजस्थान की आर्थिक स्थिति को भी मिलेगा इसका फायदा

फिल्म निर्देशक अनिल सैनी ने कहा कि फिल्म निर्माण के लिये चंद लाख रुपए के अनुदान से काम नहीं चलने वाला है. राजस्थान फिल्म जगत को अगर परवान पर ले जाना है, तो सरकार पर इसके लिये और दबाव डालना चाहिए. उन्होंने कहा कि 56 शो जब तक स्क्रीन पर अनिवार्य नहीं होंगे. फिल्म जगत को जयपुर में स्थापित कर जॉलीवुड के सपने को साकार नहीं किया जा सकता है. जाहिर है कि फिल्म सिटी के आने से पर्यटन, जेवरात और कपड़ा उद्योग भी परवान पर पहुंचेगा.

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फिल्म अभिनेता मोहित दुबे ने दौसा के तालाब गांव में फिल्म की शूटिंग के बीच से वक्त निकालकर ईटीवी भारत राजस्थान से फिल्म सिटी की मांग पर जारी चर्चा में भाग लिया. उन्होंने कहा कि जयपुर में फिल्म सिटी के निर्माण से कलाकारों को प्रोत्साहन तो मिलेगा ही. साथ ही मुम्बई जाकर की जाने वाली स्ट्रगल में भी कमी आएगी.

मांग को मुखर होकर सरकार के सामने रखने की तैयारी

अभिनेत्री प्रिया ने ईटीवी भारत की चर्चा में शिरकत करते हुए जयपुर में फिल्म सिटी निर्माण की मांग को दोहराया. उन्होंने कहा कि राजस्थान की जमीन पर संभावनाओं की कमी नहीं है, पर जरूरत है कि इन संभावनाओं को मूर्त रूप दिया जाए. अभिनेत्री राजपूत के मुताबिक स्थानीय कलाकारों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, इसलिए फिल्म सिटी के सपने को सरकार को पंख देने चाहिए.

जयपुर में बरसों का इंतजार

राजस्थान की राजधानी जयपुर में साल 2005 में फिल्म सिटी का प्रोजेक्ट आया था. आगरा रोड पर सुमेल गांव में 900 बीघा जमीन पर फिल्मसिटी का निर्माण प्रस्तावित किया गया. इस योजना पर उस वक्त करीब 900 करोड़ रुपए खर्च करने की बात की गई थी. जयपुर विकास प्राधिकरण ने इस बारे में जमीन अवाप्ति को लेकर भी कवायद शुरू की थी. ऐसी चर्चा हुई की फिल्म सिटी का दायरा रामगढ़ तक बढ़ाया जाएगा. लेकिन 13 साल से यह प्रोजेक्ट महज चर्चाओं का हिस्सा बना हुआ है. सरकारों के बदलने के साथ जयपुर में फिल्म सिटी का मसला ठंडे बस्ते में जा चुका है और सरकारों की खस्ता माली हालत के बीच ऐसा लगता है कि जेब का पैसा लगाकर कोई भी राज्य सरकार जयपुर में फिल्म सिटी बनाने की ख्वाहिश नहीं रखती है.

राजस्थान में भी फिल्म सिटी के निर्माण को लेकर मांग तेज

जयपुर में फिल्म सिटी की मांग क्यू है?

मुगल-ए-आजम के जमाने से राजस्थान फिल्मकारों के लिए शूटिंग की पहली पसंद रहा है. इतिहास पर बनने वाली शायद कोई ऐसी नहीं होगी, जिसकी शूटिंग राजस्थान की सरजमी पर नहीं हुई हो. जयपुर में फिल्म सिटी निर्माण को लेकर घोषणाएं होती रही है. राजस्थान की माटी और हवाओं में कला की गूंज हैं. इस प्रदेश के किले, हवेलियों, मंदिरों, पहाड़ों, रेतीले धोरों ने बॉलीवुड को हमेशाा रिझाया है. शायद यही वजह रही कि 6 दशक पहले निर्माता पृथ्वीराज कपूर और निर्देशक के आसिफ ने मुगल-ए-आजम जैसी कालजयी फिल्म की शूटिंग गुलाबी नगरी और आमेर में की. तब सेना की 56 रेजिमेंट के दो हजार ऊंट और सैकड़ों घोड़े इस शूटिंग में रक्षा मंत्रालय की अनुमति से काम में लिए गए.

जयपुर में भी बने फिल्म सिटी

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50 साल पहले उदयपुर के चीरवा गांव में जब मेरा गांव, मेरा देश की शूटिंग हुई, तो पूरा चीरवा गांव इस शूटिंग का हिस्सा बना. महाभारत जैसे ऐतिहासिक धारावाहिक को जयपुर के पास महलां में फिल्माया गया. ऐसे सैंकड़ों किस्से इस प्रदेश में फिल्मों की रवानी और दीवानगी के साक्षी हैं. जयपुर के आस -पास ही आमेर, जमवा रामगढ़, सामोद जैसे प्राचीन कस्बे अनगिनत प्रसिद्ध फिल्मों के निर्माण के साक्षी रहे हैं. गंगा की सौंगध फिल्म का एक दृश्य जब ताला कस्बे के समीप बाणगंगा के किनारे फिल्माया गया तो वे शूटिंग देखने जयपुर से साईकिल चलाकर वहां पहुंचे थे. अभिनेता रितिक रोशन की फिल्म जोधा-अकबर हो या फिर सुपर 30, सांभर में इन फिल्मों का फिल्मांकन किया गया. ऐसे में शेखावाटी, मारवाड़ और मेवाड़ सहित नए दौर में अलवर, हाड़ौती आदि क्षेत्र भी फिल्मों की शूटिंग लगातार हुई है. इसलिए जयपुर फिल्म सिटी के लिए मुफीद है.

Last Updated : Sep 24, 2020, 7:46 PM IST

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