जयपुर.झालाना लेपर्ड सफारी से खुशी की खबर सामने आई है. झालाना में 2 साल बाद मादा लेपर्ड क्लियोपैट्रा नजर आई है. मादा लेपर्ड क्लियोपैट्रा की तस्वीरे गलता वन क्षेत्र में कैमरा ट्रैप में कैद हुई है.
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झालाना के क्षेत्रीय वन अधिकारी जनेश्वर चौधरी और उनकी टीम ने कैमरा ट्रैप लगाए थे, जिनमें मादा लेपर्ड की तस्वीर कैद हुई है. मादा लेपर्ड क्लियोपैट्रा को आखिरी बार 2 साल पहले देखा गया था. जिसके बाद वन विभाग की टीम लगातार मादा लेपर्ड की तलाश कर रही थी. करीब 2 साल बाद वन विभाग की टीम को मादा लेपर्ड को खोजने में सफलता मिली है.
2 साल बाद नजर आई मादा लेपर्ड क्लियोपैट्रा झालाना रेंजर जनेश्वर चौधरी के मुताबिक जून 2019 में मादा लेपर्ड क्लियोपैट्रा को आखिरी बार देखा गया था. वन विभाग की टीम लगातार लेपर्ड को सर्च कर रही थी. कैमरा ट्रैप की 10 हजार फोटो स्टडी के बाद लेपर्ड को सर्च किया गया. गलता वन क्षेत्र में लगे कैमरा ट्रैप में लेपर्ड की तस्वीर कैद हुई है. वन विभाग की ओर से क्षेत्र में लेपर्ड के लिए सुरक्षा इंतजाम बढ़ाए गए हैं.
लेपर्ड की बढ़ाई गई सुरक्षा वन विभाग के अधिकारी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं.झालाना लेपर्ड रिजर्व में करीब 33 लेपर्ड निवास करते हैं. सभी को अलग-अलग नामों से जाना जाता है. झालाना लेपर्ड रिजर्व पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है. झालाना लेपर्ड सफारी मैं सैलानी काफी लुत्फ उठाते हैं और इन खूबसूरत पलों को यादो के रूप में संजोकर ले जाते हैं. जंगल में वन विभाग की ओर से कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं. जिनमें लेपर्ड्स की तस्वीरें कैद होती है.
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समय-समय पर कैमरा ट्रैप के जरिए लेपर्ड्स की मॉनिटरिंग की जाती है. सुबह की पारी में झालाना लेपर्ड सफारी की शुरुआत की गई है. रोजाना सुबह सैलानी 5:45 से 8:30 बजे तक लेपर्ड सफारी का लुत्फ उठाने पहुंच रहे हैं. सामान्य दिनों में सुबह और शाम दो पारी में लेपर्ड सफारी करवाई जाती थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते सफारी बंद कर दी गई थी, जिसके बाद अब केवल एक पारी में ही सफारी की शुरुआत हुई है.