जयपुर. दिल्ली चिड़ियाघर से एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दरियाई घोड़े का जोड़ा राजधानी लाया गया है. दरियाई घोड़े को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बने प्रदेश के पहले एग्जॉटिक पार्ट में रखा गया है. राजधानी में दरियाई घोड़ा लाने की वन विभाग की बरसों पुरानी कोशिश रंग लाई है. एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत दरियाई घोड़े के बदले जयपुर से एक वुल्फ का जोड़ा और एक घड़ियाल का जोड़ा दिल्ली चिड़ियाघर भेजा गया है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क प्रदेश का एकमात्र ऐसा स्थान है जहां पर पर्यटक दरियाई घोड़ा देख सकेंगे. दरियाई घोड़े को 21 दिन तक पर्यटकों से दूर रखा जाएगा. इसके बाद पर्यटक दरियाई घोड़े की अठखेलिया देख सकेंगे.
वन्यजीव चिकित्सक डॉक्टर अशोक तंवर के नेतृत्व में वन विभाग की टीम गुरुवार शाम को दिल्ली के लिए रवाना हुई थी. और शुक्रवार सुबह दरियाई घोड़ा लेकर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क पहुंची. दरियाई घोड़े के लिए एग्जॉटिक पार्क में भोजन और रहने के अच्छे इंतजाम किए गए हैं. दरियाई घोड़े को गर्मी से राहत देने के लिए एग्जॉटिक पार्क में एक तालाब बनाया गया है. एग्जॉटिक पार्क को सफारी की तर्ज पर 26 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया गया है. आने वाले समय में एग्जॉटिक पार्क के लिए जेब्रा, शुतुरमुर्ग सहित कई वन्यजीवों को लाने का भी प्रयास किया जा रहा है.
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डीएफओ सुदर्शन शर्मा ने बताया कि सेंट्रल जू अथॉरिटी की परमिशन के बाद दिल्ली चिड़ियाघर से दरियाई घोड़े का जोड़ा लाया गया है. इसके बदले में जयपुर से एक वुल्फ का जोड़ा और एक घड़ियाल का जोड़ा भेजा गया है. दरियाई घोड़े को हिप्पोपोटेमस के नाम से भी जाना जाता है. यह जलीय जीव है जो कि अफ्रीका में पाया जाता है.
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नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में नया एग्जॉटिक पार्क बनाया गया है जो वन्यजीव भारत देश में नहीं पाए जाते वह वन्यजीव इस एग्जॉटिक पार्क में देखने को मिलेंगे. राजस्थान में पहली बार चिड़ियाघर में हिप्पोपोटेमस यानी दरियाई घोड़ा पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा. राजस्थान में पहली बार हिप्पो लाया गया है.
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