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दौसा में महिला डॉक्टर आत्महत्या का मामला: डॉक्टर बोले- आंदोलन दो फाड़ नहीं, न सरकार से कोई वार्ता...जारी रहेगा विरोध - Jaipur latest news

दौसा में महिला डॉक्टर के आत्महत्या के मामले (female doctor suicide case in dausa) में चिकित्सकों ने आंदोलन दो फाड़ होने की बात से इनकार किया है. डॉक्टरों का कहना है कि आंदोलन में सभी चिकित्सक एकजुट हैं और सरकार से कोई वार्ता नहीं हुई इस लिए आंदोलन समाप्त होने का कोई प्रश्न नहीं उठता है.

female doctor suicide case in dausa
डॉक्टर बोले आंदोलन दो फाड़ नहीं

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Published : Apr 2, 2022, 3:41 PM IST

जयपुर.दौसा के लालसोट में महिला चिकित्सक के आत्महत्या मामले (female doctor suicide case in dausa) में कोई कार्रवाई नहीं होने से चिकित्सकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. हालांकि देर रात सरकार और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बीच वार्ता के बाद आंदोलन समाप्त करने की बात कही गई थी लेकिन जयपुर मेडिकल एसोसिएशन और प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसायटी ने दावा किया है कि किसी भी तरह की कोई वार्ता सरकार के साथ नहीं हुई है इसलिए आंदोलन जारी रहेगा.

शनिवार को सवाई मानसिंह अस्पताल के जयपुर मेडिकल एसोसिएशन सभागार में विभिन्न चिकित्सक संगठनों की बैठक आयोजित हुई. इस मौके पर जयपुर मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ. अनुराग शर्मा ने कहा कि सरकार के साथ उनकी कोई वार्ता नहीं हुई है. ऐसे में आंदोलन खत्म होने का सवाल ही नहीं उठता. हालांकि डॉ. अनुराग शर्मा पर आरोप लगाए गए थे कि देर रात सरकार के साथ हुई वार्ता में वे मौजूद थे और बिना चिकित्सकों की सलाह के उन्होंने आंदोलन वापस लेने की बात कही थी.

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डॉ. शर्मा ने इस आरोप को पूरी तरह से नकार दिया है और उनका कहना है कि जब तक सरकार मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती तब तक आईपीडी और ओपीडी के साथ-साथ इमरजेंसी सेवाएं भी पूरी तरह से बंद रहेंगी. इसके अलावा रेजिडेंट और सीनियर रेजिडेंट संगठन भी इस आंदोलन के समर्थन में आ चुके हैं और कार्य बहिष्कार करने की बात कही है.

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आरोपियों की हो गिरफ्तारी
प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग सोसायटी के सेक्रेटरी डॉ. विजय कपूर ने साफ तौर पर सरकार को चेतावनी दी कि जितने भी लोग इस आत्महत्या से जुड़े प्रकरण में शामिल हैं उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया जाए. यह जब तक आरोपियों पर मुकदमा दायर करके गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तक चिकित्सकों का यह आंदोलन जारी रहेगा और इस दौरान सिर्फ अस्पताल में भर्ती मरीजों का ही इलाज किया जाएगा और प्राइवेट अस्पतालों में ओपीडी आईपीडी और इमरजेंसी जैसी सुविधाएं पूर्ण रूप से बंद कर दी गई है.

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