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SPECIAL : सीवरेज के पानी में कोविड संक्रमण का डर...जयपुर निगम का दावा- शहर में मैनहोल नहीं, मशीनहोल हैं - Coronavirus sewer water research

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं. बीते दिनों लखनऊ और मुंबई में सीवर के पानी में कोरोना वायरस के अंश मिले हैं. जिसके बाद से राजधानी जयपुर में भी सीवर टैंक की सफाई और रखरखाव करने वाले कर्मचारियों में डर बैठ गया है.

Jaipur Municipal Corporation Manhole Cleaning
सीवरेज के पानी से कोविड संक्रमण

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Published : May 29, 2021, 7:04 PM IST

Updated : May 29, 2021, 11:00 PM IST

जयपुर. सीवर के पानी में कोरोना वायरस के अंश मिलने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि मैनहोल की सफाई मैनुअल क्यों हो रही है. अब उपयुक्त सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने की मांग की जा रही है. हालांकि निगम प्रशासन का दावा है कि जयपुर में अब मैनहोल नहीं बल्कि मशीन होल हैं.

सीवरेज के पानी में संक्रमण

हाल ही में सीवरेज के पानी में कोरोनावायरस मिलने की खबरें प्रसारित होने के बाद सफाई कर्मचारी, खासकर सीवरेज मैनहोल में उतरने वाले कर्मचारियों में डर बैठ गया है. सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया के अनुसार सफाई कर्मचारियों में जबरदस्त डर है. लेकिन कर्मचारी दूसरा रोजगार नहीं होने के चलते इस तरह के कार्य करने को मजबूर हैं.

सीवरेज के पानी में संक्रमण

सुरक्षा संसाधन उपलब्ध कराने की मांग

हालांकि कर्मचारियों के हित में सुरक्षा संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की गई है. अगर सुरक्षा संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं, तो सफाई श्रमिक संगठन सीवरेज की सफाई का कार्य कराने वाले ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे. डंडोरिया ने कहा कि सफाई समिति से जुड़े सभी संगठन मिलकर गली-गली जाकर सीवरेज का काम करने वाले कर्मचारियों को रोकेंगे और अगर वो नहीं रुकते तो उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा.

मैनहोल और मशीनहोल का सच

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मैनुअल सफाई करने वालों पर भी करेंगे FIR

डंडोरिया ने कहा कि सीवरेज में उतर कर मैनुअल सफाई करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आश्वासन दिया था लेकिन शासन-प्रशासन के लचीले रवैये के चलते सीवर मैन होल में सफाई कर्मचारियों को उतरना पड़ रहा है. अब समझाइश के बावजूद यदि कोई इस काम को जारी रखता है, तो उसके खिलाफ धारा 302 में मुकदमा दर्ज कराया जाए.

निगम का दावा- मशीन से हो रही सफाई

सीवर के पानी में वायरस की संभावना, कितना इंफेक्शन पुष्टि नहीं

ग्रेटर निगम की चीफ हेल्थ ऑफिसर डॉ रश्मि काकरिया ने बताया कि कोविड-19 संक्रमित मरीजों के अपशिष्ट में कोरोनावायरस होता है. ऐसे में सीवरेज के पानी में भी कोरोना वायरस होने की पूरी संभावना है. लेकिन उसके सीधे संपर्क से कितना इंफेक्शन होगा, इसकी अब तक कोई पुष्टि नहीं है. फिलहाल इस पर शोध चल रहा है.

सीवरेज के पानी से कोरोना का खतरा

जयपुर में मैनहोल नहीं, अब मशीनहोल हैं

वहीं उन्होंने बताया कि जयपुर में मैनहोल की जगह अब मशीनहोल की टर्म कर दी है. ऐसे में सारा सीवर का काम मैकेनाइज्ड हो रहा है. ऐसे में सीवरेज के पानी के सीधे संपर्क के चांस तो खुद ब खुद कम हो जाते हैं.

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सफाई सैनिकों की पूरी सुरक्षा - सौम्या गुर्जर

निगम महापौर डॉ सौम्या गुर्जर ने कहा कि सफाई कर्मचारी संक्रमण से दूर रहे इसके लिए उन्हें हैंड ग्लव्स, मास्क, फेस शिल्ड और सैनिटाइजर उपलब्ध कराया गया है. इसके साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखने के लिए भी लगातार जागरूक किया जा रहा है. सीवरेज के पानी से संक्रमण की संभावना को देखते हुए पहले ही सीवरेज सफाई का काम कर रहे ठेकेदारों मशीन से कार्य करने के लिए निर्देशित किया हुआ है.

लखनऊ-मुंबई में सीवर के पानी में मिले कोरोना वायरस के अंश

क्या कहती है रिसर्च

बहरहाल कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के बाद इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक अध्ययन शुरू किया है. जिसमें अलग-अलग शहरों से पानी में वायरस का पता लगाने के लिए सीवरेज सैंपल जुटाए जा रहे हैं. इनसे संक्रमण फैलेगा या नहीं इसे अभी रिसर्च का विषय बताया जा रहा है. हालांकि लखनऊ में सीवरेज में मिले वायरस के अंश को मृत बताया गया है. ऐसे में इसके बारे में कहा गया है कि इससे संक्रमण का खतरा नहीं है.

Last Updated : May 29, 2021, 11:00 PM IST

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