जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस के अवसर पर मंगलवार को जयपुर के किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली. जोबनेर पंचायत समिति से शुरू हुई किसानों की यह ट्रैक्टर परेड अलग-अलग रास्तों से होते हुए जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पहुंची और यहां से वापस जोबनेर पंचायत समिति के लिए रवाना हो गई. किसानों ने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी जताते हुए कानून को वापस लेने की मांग की. साथ ही चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार कृषि कानून वापस नहीं लेती है तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
किसानों ने निकाली ट्रैक्टर परेड जोबनेर पंचायत समिति की अध्यक्ष शारदा मेहता सेपट के नेतृत्व में किसानों ने यह ट्रेक्टर परेड निकाली। यह ट्रैक्टर परेड कालवाड हाथोज, झोटवाड़ा और पानीपेच होते हुए जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पहुंची. दिल्ली में किसानों के साथ हुई लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने की घटना को देखते हुए पुलिस ज्यादा मुस्तैद नजर आई. एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह शेखावत के नेतृत्व में पुलिस पूरी तरह से मुस्तेद नजर आई. गणतंत्र दिवस पर अवकाश होने के कारण पुलिस को ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा.
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शारदा मेहता ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर हमारा विरोध है, इन कानूनों के खिलाफ हम पहले भी ट्रैक्टर रैली निकाल चुके हैं और आज फिर से ट्रैक्टर परेड निकाली गई है. मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए शारदा मेहता ने कहा कि कहा कि मोदी ने गलत कौम के साथ पंगा लिया है यदि वह जिद्दी हैं तो किसान उनसे सौ गुना ज्यादा जिद्दी है. मोदी सरकार को तानाशाही छोड़कर किसानों को उनका हक वापस देना चाहिए.
उन्होंने कहा है कि ट्रैक्टर परेड के जरिए किसानों को फायदा जरूर होगा. आंदोलन के दौरान डेढ़ सौ से ज्यादा किसानों की मौत हुई है. इस ट्रैक्टर परेड के जरिए उन किसानों को श्रद्धांजलि दी जा रही है. इस बार मोदी सरकार ने कुछ नहीं किया तो अगली बार हमारी ट्रेक्टर रैली दिल्ली तक जाएगी.
शारदा मेहता नई दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को लेकर कहा कि यह सब बीजेपी सरकार की साजिश है. ताकि किसानों का चल रहा आंदोलन रद्द हो जाए. जिस तरह से हम लोगों ने शांतिपूर्ण ट्रैक्टर परेड निकाली, उसी तरह से दिल्ली में बैठे किसान भी चाहते हैं कि शांतिपूर्ण तरीके से समस्या का समाधान हो. यदि भाजपा हिंसा चाहती है तो हिंसा का जवाब हिंसा से दिया जाएगा. किसानों ने मुख्य मांग बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीद गारंटी कानून को लागू करें.
रघुनाथ धाम के पीठाधीश्वर सौरभ राघवेंद्र आचार्य ने कहा कि किसान कड़ाके की ठंड में आंदोलन कर रहे हैं. मोदी सरकार सत्ता के घमंड में चूर है, उन्हें किसानों की परेशानी दिखाई नहीं दे रही है. किसानों के कारण ही मोदी सत्ता में बैठे हैं और ये किसान ही उन्हें सत्ता से उखाड़ फेंकेंगे. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के स्टे के बावजूद भी मोदी सरकार सुनवाई नहीं कर रही. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जिस तरह से 65 साल तक भाजपा का राज नहीं आया था. उसी तरह से यदि कृषि कानून वापस नहीं लेते हैं तो अगले डेढ़ सौ साल तक भाजपा का नामोनिशान तक खत्म हो जाएगा.
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किसान नेता एवं पूर्व सरपंच हेमाराम सेपट ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से आज ट्रैक्टर परेड निकाली गई है और अन्नदाता की दो ही मांगे है, पहली कृषि कानून को वापस ले लिया जाए, दूसरा न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून लागू कर दिया जाए.