जयपुर. केंद्र सरकार के किसानों से जुड़े 3 अध्यादेशों को अब कानून की शक्ल दे दी गई है, लेकिन किसान संगठनों की ओर से इसका विरोध जारी है. अब लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी कृषि सुधार के कानून से जुड़े इस विधेयक को पारित कर दिया गया तो भारतीय किसान यूनियन प्रदेश सरकार से विधानसभा में इस विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव रखकर उसे पारित करवाने की मांग की है. वहीं, किसान महापंचायत ने इस विधेयक के खिलाफ लगातार आंदोलन जारी रखने का एलान किया है.
गहलोत सरकार विधेयक के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करेंः सहारण
राष्ट्रीय लोक दल और भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष केके सहारण के अनुसार मौजूदा विधेयक देश और किसानों के लिए काला दिवस के रूप में याद रखा जाएगा. सारण ने बताया कि किसानों के लिए घोर विरोधी है और लोकसभा व राज्यसभा में केंद्र सरकार और उनके समर्थक दलों ने इस विधेयक को पारित करते समय भरपूर समर्थन भी दिया. लेकिन वे भूल गए कि किसान वर्ग और देश की नींव को कमजोर करने वाला विधेयक है.
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सहारन ने कहा कि अब जरूरी है कि किसान विरोधी इस केंद्र सरकार को उखाड़ फेंका जाए और इसके लिए किसानों को एकजुट होकर केंद्र सरकार के खिलाफ सड़कों पर आना होगा, तभी लोकतंत्र बच पाएगा. सहारन ने प्रदेश की गहलोत सरकार से यह भी मांग की कि वह पंजाब की तर्ज पर राजस्थान में भी विधानसभा में इस विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव पारित करें.