जयपुर. राजस्थान सरकार 23 फरवरी को अपना बजट पेश करेगी. अशोक गहलोत सरकार 3 साल पूरे कर चुकी है और चौथा साल उनके लिए खासा अहम होने वाला है. जाहिर है कि चौथा बजट साल 2023 के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से भी इस बजट में काफी कुछ संभावनाएं देखी जा रही है. लिहाजा अशोक गहलोत की कोशिश होगी कि राजस्थान की आवाम उनसे जो उम्मीद कर रही है, वह पूरी हो.
किसी भी राजनीतिक दल के लिए किसान भी एक बड़ा वोट बैंक होता है और हर चुनाव का मुद्दा भी. इसी कारण से यह अब देखा जा रहा है कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने अलग से कृषि बजट (Rajasthan Farm Budget) लाने का जो ऐलान किया था, उस पर इस मर्तबा अमल होने वाला है. राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भी यह कहा गया था कि अन्नदाता के बेहतर भविष्य और उनके हितों का संरक्षण करने के लिए साल 2022-23 के राज्य बजट में अलग से कृषि बजट को पेश किया जाएगा. इस दौरान महात्मा गांधी की ओर से लिखे गए एक लेख जो कि 12 जनवरी 1945 को मुंबई क्रॉनिकल में छपा था, का हवाला देते हुए कहा था कि किसान के पास राजनीतिक सत्ता के साथ हर किस्म की सत्ता होनी चाहिए.
अभिभाषण में सहकारी बैंकों के 8181 करोड़ रुपए के कृषि ऋण माफ किए जाने की बात कही गई तो 3 सालों में 36 हजार 357 करोड़ रुपए से ज्यादा के अल्पकालीन ऋण, 846 करोड़ रुपए से ज्यादा के मध्यकालीन लोन और 362 करोड़ 70 लाख रुपए के दीर्घकालीन ऋण बांटने की भी बात हुई है. अभिभाषण के जरिए इशारा किया गया कि हर पंचायत मुख्यालय पर नई सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा ताकि किसान को उपज का सही मूल्य हासिल हो सके. किसान के लिए बिजली के कनेक्शन, दुग्ध उत्पादक संबल योजना, नए पशु चिकित्सा केंद्र और फसल बीमा पॉलिसी केटीएम यूरिया की उपलब्धता कृषि व्यवसाय और निर्यात के प्रोत्साहन के लिए सरकार के मानस का हवाला भी यहां पर दिया गया. यह दावा किया गया कि साल 2021-22 में रिकॉर्ड 23 लाख 40 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद 2 लाख 2 हजार किसानों के माध्यम से की गई.
हम बना रहे हैं इतिहास:राजस्थान में पहली बार कृषि के लिए अलग से पेश किए जाने वाली बजट को लेकर अशोक गहलोत ने बड़ी उम्मीद जाहिर की है. उन्होंने किसान आयोग के अध्यक्ष महादेव सिंह के पदभार ग्रहण के मौके पर भी इस बात का जिक्र किया और कहा था कि किसानों के हित में राजस्थान सरकार की यह पहल बड़ी असरकारी और ऐतिहासिक साबित होगी. गहलोत ने कहा कि किसानों की परेशानी पर अगर गौर करना है तो इसके लिए उनको विशेष तवज्जो दिए जाने की भी जरूरत है. आने वाली कृषि बजट में यह काम आसानी से पूरा हो जाएगा. हालांकि, गहलोत MSP की बात अक्सर उठाते हैं पर इस मर्तबा उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया.
किसान आयोग करेगा काश्तकार की राय से काम : राजस्थान में किसान आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष महादेव सिंह खंडेला ने आने वाले बजट को लेकर कहा कि किसान आयोग खेती से जुड़े लोगों और सरकार के बीच सेतु का काम करेगा. किसान आयोग जमीनी सुझावों को सीधे सरकार तक पहुंचाएगा, ताकि खेती से जुड़े वर्ग की समस्या को तत्काल प्रभाव से हल किया जा सके. उन्होंने भी बजट की रूप रेखा को लेकर किसान के हक में काम करने का भरोसा दिया.