जयपुर. पिछले 17 दिन से शहीद स्मारक पर आंदोलन कर रहे राजस्थान मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षक कर्मियों के परिवार भी अब एक नवंबर से सरकार के खिलाफ आंदोलन में शामिल होंगे. यह सभी कैडर सोमवार से अपने परिजनों के साथ शहीद स्मारक पर महापड़ाव डालेंगे.
राजस्थान मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स, शिक्षाकर्मी पिछले काफी लंबे समय से नियमितकरण की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. दांडी यात्रा संयोजक शमशेर भालू खान भी इन्हें नियमित करने को लेकर दांडी यात्रा निकाल चुके हैं, जिसे स्थगित किया हुआ है. शमशेर ने आरोप लगाया कि सरकार ने तीन बार धोखा दिया. तीनों बार ही उनसे कोई वार्ता नहीं की. शमशेर 11 दिन से शहीद स्मारक पर आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. उन्होंने कहा कि अब 1 से 6 नवंबर के बीच उनका वास्तविक धरना होगा और उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांग सरकार के सामने रखें. किसी भी तरह की नारेबाजी ना करें.
अब परिवारों के साथ महापड़ाव डालेंगे पैराटीचर्स पढ़ें:Special : आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई में 28 फीसदी की कमी, अब पूरे राजस्थान में चलेगा 'विशेष अभियान'
उन्होंने कहा कि अब राजस्थान मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षा कर्मियों को नियमित करा कर ही वे यहां से उठेंगे. सरकार का काम धोखा देना है और हमारा काम उससे लड़ना है. हम लोग यहां 6 महीने की तैयारी करके आए हैं. सरकार के दावे को देखते हुए मैंने 14 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया है, यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो वह 14 नवंबर को अपनी सरकारी नौकरी से वीआरएस ले लेंगे.
पढ़ें:SDPI का बड़ा एलान, 2023 में राजस्थान की 100 सीटों विधानसभा चुनाव लड़ेगी पार्टी, गहलोत सरकार की नीतियों से जनता त्रस्त
आपको बता दें शमशेर ने तीनों ही कैडर को नियमित करने का लेकर चूरू से दांडी यात्रा निकाली थी और सरकार से वार्ता कराने के कारण उनकी यात्रा को स्थगित भी करा दिया. लेकिन उनसे कोई वार्ता नहीं की गई. सरकार से इनका समझौता भी हुआ था जिसमें 30 सितंबर तक इन तीनों कैडर को नियुक्ति आदेश देने थे, लेकिन सरकार ने इनको नियमित नहीं किया. इसके बाद मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.