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Constable Bharti exam 2022: कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर वायरल की खबर से प्रशासन की फूली सांसे, जानिए पूरा मामला - Fake constable bharti exam paper leaked in Jaipur

राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का सोमवार को पेपर वायरल होने की सूचना से प्रशासन में हड़कंप मच (Fake constable bharti exam paper leaked in Jaipur) गया. पुलिस के आला अधिकारियों ने मामले की जांच पड़ताल की, जिसकी वजह से 30 मिनट देरी से पेपर शुरू किया गया. पेपर को ओरिजिनल बताकर व्हाट्सएप पर वायरल किया गया था. जब पेपर फर्जी निकला, तब जाकर पुलिस ने राहत की सांस ली.

Fake constable bharti exam paper leaked in Jaipur
कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर वायरल की खबर से प्रशासन की फूली सांसे, जानिए पूरा मामला

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Published : May 16, 2022, 3:26 PM IST

जयपुर. प्रदेश में 13 से 16 मई तक कांस्टेबल भर्ती परीक्षा आयोजित की गई. सोमवार को राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर वायरल होने की सूचना ने राजस्थान पुलिस की सांसें फुला दीं. इसके बाद जांच पड़ताल की गई. चेक करने पर वायरल पेपर फर्जी (Viral leaked paper found fake in Jaipur) निकला, जिसके बाद आधा घंटे देरी से कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा शुरू की गई. एटीएस की टीम पेपर वायरल करने वाले लोगों को पकड़ने का प्रयास कर रही है.

जानकारी के मुताबिक कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर व्हाट्सएप पर रविवार रात से ही वायरल हो रहा था. वायरल पेपर को लेकर दावा किया जा रहा था किा सोमवार सुबह होने वाले कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर है. मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासन अलर्ट हो गया. इसके बाद राजस्थान पुलिस मुख्यालय की ओर से सेंटर्स पर पेपर देने से मना कर दिया गया. पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में पेपर को खोला गया. जांच करने पर सामने आया कि वायरल पेपर फर्जी था. वायरल पेपर फर्जी पाए जाने पर पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली. पुलिस मुख्यालय ने फर्जी पेपर वायरल करने के मामले को लेकर एटीएस एसओजी को सूचना दी है.

पढ़ें:RU में परीक्षा से पहले ही व्हट्सएप पर वायरल हुआ पेपर, प्रशासन ने किया इनकार

राजस्थान पुलिस की एडीजी विनीता ठाकुर के मुताबिक वायरल पेपर की जानकारी मिलते ही तुरंत जांच की गई. जिस जगह से पेपर लीक होने की सूचना सामने आई थी, उन सभी जगह पर कुछ समय के लिए पेपर देने से मना कर दिया गया था. अधिकारियों ने पेपर की जांच पड़ताल करने के बाद ही पेपर दिया और परीक्षा शुरू करवाई. जांच पड़ताल में साफ हो गया कि वायरल पेपर फर्जी था. वायरल पेपर और असली पेपर को चेक किया गया, तो उनमें कोई भी प्रश्न मिलान नहीं कर रहा था.

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