जयपुर. राजस्थान अक्षय उर्जा निगम और इसकी सहयोगी कंपनी संयुक्त रूप से राजस्थान के सभी संभाग मुख्यालयों पर कैंसर डिटेक्शन, प्रिवेंशन से जुड़ी आधुनिकतम जांच उपकरणयुक्त प्रिवेंटिव आंकोलॉजी वैन उपलब्ध कराएगी. आधुनिक तकनीक से लैस वैन की लागत 1 करोड़ 25 लाख रुपये है. यह जानकारी अक्षय ऊर्जा निगम के चेयरमैन और अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने दी.
अग्रवाल ने बताया कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कैंसर की जांच और निदान के लिए (Cancer Treatment Facility in Rajasthan) सभी संभागों में एक-एक सुसज्जित वाहन उपलब्ध कराने की आवश्यकता जताई थी. जिससे कैंसर जैसे रोग पर विजय पाई जा सके. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की पहल पर राज्य के सातों संभागों में सवा-सवा करोड़ रुपये की लागत की इस तरह की वाहन उपलब्ध कराने के लिए आपसी सहमति हो गई है.
जयपुर के लिए राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम पहले ही इस तरह की वाहन सवाई मानसिंह चिकित्सालय को उपलब्ध (Preventive Oncology Van Provided to Jaipur SMS Hospital) करा चुका है. अब बीकानेर के लिए राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम और इसकी सहयोगी संस्था की ओर से सीएसआर के तहत यह वैन उपलब्ध कराई जाएगी. एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि अजमेर संभाग के लिए रिलायंस ने इस तरह की वाहन उपलब्ध करा दी है.
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वहीं, जोधपुर संभाग के लिए हिंदुस्तान पेट्रोलियम, उदयपुर संभाग के लिए हिंदुस्तान जिंक, कोटा संभाग के लिए ग्रीनको, भरतपुर के लिए एलएन मित्तल की संस्था की ओर से कैंसर जांच व निदान वाहन उपलब्ध (Cancer Screening Vehicle in Bharatpur) कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम और सहयोगी संस्था राजस्थान सोलर पार्क डवलपमेंट कंपनी की वार्षिक साधारण सभा निर्णय किया गया है. इस तरह से सभी संभागों में आवश्यक उपकरणों से सुसज्जित एक-एक वाहन उपलब हो सकेगी.
आधुनिक तकनीक से सुसज्जित होगी ये वैन : डॉ. अग्रवाल ने बताया कि सवा करोड़ रु. की इस प्रिवेंटिव ऑकोलॉजी वैन में डिजिटल कोल्पोस्काफी, डिजिटल एंडोस्कोफी, डिजिटल मेमोग्राफी, डिजिटल एक्स-रे सुविधा से युक्त होने के साथ ही टेलीकंसलटेशन सुविधा होगी. इससे मौके पर ही जांच व निदान की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी.
उन्होंने बताया कि सवाई मानसिंह चिकित्सालय के प्रोफेसर और हेड डिपार्टमेंट ऑफ सर्जिकल आंकोलॉजी के विभागाध्यक्ष व नोडल आफिसर प्रिवेंटिव आंकोलोजी डॉ. सुरेश सिंह नोडल आफिसर हैं. यह वाहन संभाग में मोबाइल रूप में काम करते हुए कैंसर की मौके पर ही जांच व समय पर निदान में सहयोगी होगी. वाहन में प्रिवेंटिव सोशियल मेडिसन डॉक्टर की सेवाएं भी होगी तो मौके से ही विशेषज्ञ चिकित्सकों से टेलीकंसल्टेशन भी किया जा सकेगा.
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अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान अक्षय उर्जा निगम और इसकी सहयोगी कंपनी का वर्ष 2020-21 के दौरान 162 करोड़ रुपये से अधिक का सालाना कारोबार रहा है. इससे पूर्व के वित्तीय वर्ष 2019-20 में 158 करोड़ 18 लाख रुपए का कारोबार रहा था. उन्होंने बताया कि निगम की वार्षिक साधारण सभा में राज्य सरकार को उसकी हिस्सा राशि पर एक करोड़ 29 लाख रुपए का लाभांश देने का निर्णय किया गया है.