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सिनोदिया हत्याकांड: चश्मदीद भागचंद चोटिया हाईकोर्ट से सुरक्षा मांगता रह गया, 18 अक्टूर को हो गई हत्या - Synodia Massacre

पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया के बेटे भंवर सिनोदिया के अपहरण और हत्या के मामले में मुख्य चश्मदीद भागचंद चोटिया पिछले एक साल से राजस्थान हाईकोर्ट में पुलिस सुरक्षा के लिए गुहार लगा रहा था, लेकिन उसे पुलिस सुरक्षा नहीं मिली और उसकी हत्या कर दी गई.

Synodia Massacre,  Bhagchand Chotia Murder
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Published : Oct 19, 2020, 11:05 PM IST

जयपुर. पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया के बेटे भंवर सिनोदिया के अपहरण और हत्या के मामले में मुख्य चश्मदीद गवाह रहे भागचंद चोटिया पिछले एक साल से हाईकोर्ट से पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने की गुहार करते रहे, लेकिन उन्हें पुलिस सुरक्षा को मिली नहीं, बल्कि हमलावारों ने बीते रविवार को गोलीमार कर उनकी हत्या कर दी. घटना से जुड़े एक अन्य गवाह ने भी जान का खतरा बताकर हाईकोर्ट से सुरक्षा की गुहार कर रखी है. जिस पर हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होगी.

पढ़ें:भंवर सिनोदिया हत्याकांड के गवाह की हत्या मामलाः पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा शव, SOG जांच की मांग

मृतक भागचंद के वकील संजय भारती ने बताया कि चोटिया की हत्या के बाद दूसरे गवाह की ओर से सोमवार को हाईकोर्ट से लंबित याचिका पर सुनवाई करने की गुहार की गई थी. इस पर हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई मंगलवार को रखी है. भारती ने बताया कि भागचंद चोटिया को पूर्व में पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई थी, लेकिन मार्च 2019 में चुनाव का हवाला देते हुए उनकी सुरक्षा को वापस ले लिया गया था. वहीं, अगस्त 2019 में प्रकरण के दो आरोपियों की आजीवन कारावास की सजा हाईकोर्ट से रद्द होने पर चोटिया ने सितंबर माह में याचिका दायर कर पुलिस सुरक्षा दिलाने की गुहार की थी.

सितंबर 2019 में याचिका पेश होने के बाद राज्य सरकार की ओर से जवाब भी पेश कर दिया गया, लेकिन बीते एक साल से मामले में प्रभावी सुनवाई नहीं हो सकी. इस बीच चोटिया ने पुलिस प्रशासन से भी सुरक्षा मांगी, लेकिन उसे वहां से भी सुरक्षा नहीं मिल पाई. गौरतलब है कि अगस्त 2020 को हाईकोर्ट ने भंवर सिनोदिया हत्याकांड के मामले में दो आरोपियों मदनलाल और हीरालाल को मिली आजीवन कारावास की सजा को रद्द कर दिया था. जबकि चार अभियुक्तों सिकंदर अली, बलवाराम, कैलाश और शहजाद की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा था.

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