जयपुर.राजधानी की खोनागोरियां थाना पुलिस की ओर से एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए झालाना स्थित आरटीओ कार्यालय में वाहनों का फर्जी रजिस्ट्रेशन करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया गया है. पुलिस की ओर से कार्रवाई करते हुए प्रकरण में एक दलाल और आरटीओ के 1 एलडीसी को गिरफ्तार किया गया है.
वहीं, इस पूरे प्रकरण में आरटीओ के अन्य कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है. जिसके बारे में पुलिस की तरफ से जांच की जा रही है. इसके साथ ही गैंग के सदस्यों की ओर से वाहनों के फर्जी चेचिस नंबर और फर्जी इंजन नंबर के आधार पर उनका फर्जी रजिस्ट्रेशन करवाया गया है. साथ ही जिन लोगों के नाम पर रजिस्ट्रेशन हुआ है उनका भी कोई अस्तित्व नहीं पाया गया है.
एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजय पाल लांबा ने बताया कि फरवरी 2019 में आरटीओ अधिकारी जाकिर हुसैन की ओर से एक शिकायत दर्ज करवाई गई थी. जिसमें इस बात का जिक्र किया गया था कि, जुलाई 2018 से जनवरी 2019 तक झालाना आरटीओ कार्यालय से 45 वाहनों का फर्जी रजिस्ट्रेशन किया गया है. तमाम वाहन कमर्शियल वाहन थे जो कि टाटा मैसर्स, अशोक लीलैंड और मैसर्स वीई कमर्शियल की ओर से बनाएं होना पाए गए.
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जब इन वाहनों के संबंध में उक्त कंपनियों से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने उस चेचिस नंबर और इंजन नंबर का कोई भी वाहन बनाने से इंकार कर दिया. जिसके बाद आरटीओ की तरफ से खोनागोरियां थाने में प्रकरण दर्ज करवाया गया. प्रकरण दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की तो यह बात पता चली कि, जिन कंपनियों के वाहन का रजिस्ट्रेशन किया गया है. वह वाहन उस कंपनी की ओर से कभी बनाई ही नहीं गई. उन वाहनों के संबंध में लोन के जो दस्तावेज रजिस्ट्रेशन के दौरान फाइल में लगाए गए हैं, वह भी फर्जी पाए गए.