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विशेष: केंद्र सरकार ने आम आदमी से लेकर कारोबारियों तक को क्या दी राहत, पढ़ें ये रिपोर्ट

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Published : May 13, 2020, 10:22 PM IST

Updated : May 14, 2020, 8:47 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के बारे में वित्त मंत्रालय ने विस्तार से ब्यौरा दिया. सीतारमण ने बुधवार को कहा कि पीएम मोदी ने समाज के कई हिस्सों से विस्तार से चर्चा के बाद इस पैकेज का विजन रखा था और हमारा लक्ष्य आत्मनिर्भर भारत है. यह पैकेज देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए है.

expert opinion on economic package
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जयपुर.पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना संक्रमण के बीच देश की डगमगाई अर्थव्यवस्था को बल देने के लिए विशेषआर्थिक पैकेज का एलान किया है. पीएम के इस एलान के बाद बुधवार को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज से किन-किन सेक्टरों को राहत दी जाएगी, इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी. वित्तमंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आमजन से लेकर कारोबारियों तक को राहत देने का प्रयास किया.

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इस कदम से आमजन को राहत देने की कोशिशवित्तमंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आमजन को राहत देते हुए 15 हजार से कम वेतन पान वाले कर्मचारियों के ईपीएफ हिस्सेदारी को सरकार के द्वारा जमा करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि सरकार 15 हजार से कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों और एम्पलॉयर दोनों के हिस्से का 12-12 फीसदी रकम PF खाते में अगस्त महीने तक जमा कराएगी.

पढ़ें:विशेष: रियल एस्टेट कारोबारियों को सरकार ने दी समय की डोज, अब श्रमिकों को जुटाना बड़ी चुनौती

साथ ही ऐसे कर्मचारी जिनकी तनख्वाह 15 हजार रुपये से ज्यादा है, उन्हें भी राहत दी है. वित्तमंत्री ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि योगदान 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर अस्थाई तौर पर अगले तीन महीने के लिए किया गया है. जिससे अगले तीन महीने तक 12 फीसदी की जगह 10 फीसदी रकम एम्प्लॉयी और एम्पलॉयर की ओर से PF खाते में जमा कराया जाएगा.

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इस बदलाव के चलते 15 हजार से ज्यादा महीने की तनख्वाह पाने वाले लोगों को अब इन हैंड पहले से ज्यादा सैलरी मिल सकेगी. जबकि, केंद्रीय कर्मचारियों को ये लाभ नहीं मिलेगा. उनका कंट्रीब्यूशन 12 फीसदी ही रहेगा. इसमें करीब 2500 करोड़ रुपए का खर्च होगा. इससे 3.67 लाख कंपनियों और 72.22 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा. फायदा सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा, जिनके पास सौ से कम कर्मचारी हैं और 90 प्रतिशत कर्मचारी की सैलरी 15,000 रुपए या उससे कम है.

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रियल एस्टेट को दी ये राहत

एस्टेट को दी ये राहतवित्तमंत्री ने रियल एस्टेट के कारोबारियों को भी राहत की डोज दी है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने निर्माण कार्यों की समय सीमा को बढ़ाने की बात कही है. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान वित्तमंत्री ने कहा कि सभी पंजीकृत परियोजनाएं जिनकी डेट 25 मार्च, 2020 को या उसके बाद समाप्त होने वाली है. उनके रजिस्ट्रेशन और निर्माण कार्य समाप्त होने की तारीख को 6 महीने के लिए बढ़ाए जाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर इसे और तीन महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है. माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम के बाद रियल एस्टेट कारोबारियों को निर्माण कार्य पूरा करने को लेकर समय मिलने से उन्हें राहत मिल सकेगी.

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सरकारी कांट्रेक्टर को ये राहत

निर्मला सीतारमण ने सरकारी कांट्रेक्टरों को भी निर्माण कार्य पूरा करने के मामले में राहत दी है. उन्होंने रेलवे, सड़क परिवहन और राजमार्ग के कार्य में लगे कांट्रेक्टरों के निर्माण कार्य पूरा करने की समय सीमा में 6 महीने की बढ़ोतरी की है. इसके तहत काम पूरा करने, मध्यवर्ती मील के पत्थर आदि जैसे दायित्वों और पीपीपी अनुबंधों में रियायत अवधि का विस्तार किया है.

TDS रेट में 25% की कमी

वित्तमंत्री ने अपनी घोषणा में कहा कि TDS की दरों में 25% की कमी की जाएगी. इसका मतलब ये हुआ कि पहले जहां टैक्स में 100 रुपए देते थे, अब 75 रुपए देने होंगे. यह सभी भुगतान पर लागू होगा चाहे वह कमीशन हो, ब्रोकरेज हो या कोई अन्य भुगतान. दरों में कमी 13 मई से लागू होगी और यह मार्च 2021 तक रहेगी. यहां यह भी जानना आवश्यक है कि टीडीएस कटौती से जनता को 55 हजार करोड़ रुपए का लाभ होगा.

Last Updated : May 14, 2020, 8:47 AM IST

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