जोधपुर/जयपुर. देश में इंदिरा रसोई योजना को एक्सटेंड किया गया है. अब तक चल रही 358 (Indira Rasoi Yojana in Rajasthan) स्थाई रसोइयों के जरिए 7 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को भोजन उपलब्ध करा चुकी इंदिरा रसोई की संख्या बढ़ाकर 870 की गई है. रविवार को जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर से इसका शुभारंभ किया गया. वहीं, राजधानी जयपुर के हेरिटेज नगर निगम में जल महल की पाल पर और ग्रेटर नगर निगम में चौमूं पुलिया के पास इंदिरा रसोई का लोकार्पण किया गया.
जोधपुर में शुभारंभ के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार आम जनता की सामाजिक सुरक्षा के प्रति जागरूक है. इसलिए हम लगातार जनहित से जुड़ी योजनाएं संचालित कर रहे हैं. भले ही मोदी जी इन्हें रेवड़ियां कहें. सुप्रीम कोर्ट में भी इसको लेकर सुनवाई हो रही है. लेकिन हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम जनता के हित में काम करते रहेंगे. रविवार को राजस्थान में 512 नई इंदिरा रसोइयों कें शुभारंभ कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी जी खुद जो योजनाएं चलाते हैं उनको रेवड़ी नहीं कहते हैं. हमारी योजना को रेवड़ी कह रहे हैं.
बढ़ाई जाएगी रसोइयों की संख्या : मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के संविधान के (Indira Rasoi inaugurated in Jodhpur) अनुच्छेद 38 और 39 में स्पष्ट कहा गया है कि राज्य को जनता के प्रति कल्याणकारी होना चाहिए. वह कार्य हमारी सरकार लगातर कर रही है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि इंदिरा रसोई आज के समय में गरीबों के लिए बहुत फायदेमंद है. इसलिए आने वाले 1 से 2 माह में प्रदेश में रसोइयों की संख्या 1000 की जाएगी.
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इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोजती गेट स्थित नगर निगम के पुराने भवन में इंदिरा रसोई में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित अन्य विधायकों के साथ भोजन किया और वहां मौजूद लाभार्थियों से बात भी की. साथ ही समारोह में प्रदेश भर में रसोई संचालन में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया. इस मौके पर अलग-अलग जिलों के लोगों से मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बातचीत की. समारोह को स्थानीय विधायक मनीषा पंवार, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने भी संबोधित किया.
मारवाड़ ही नहीं प्रदेश के गांधी हैं गहलोत :समारोह को संबोधित करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि आप लोग मुख्यमंत्री को सिर्फ मारवाड़ का गांधी ही क्यों बताते हैं. जबकि इस पूरे प्रदेश में गांधीवादी तरीके से काम करने वाले एकमात्र शख्स अशोक गहलोत हैं. इसलिए आप लोग प्रदेश का गांधी का नारा लगाया करो. डोटासरा ने कहा कि सरकार की योजनाएं बहुत अच्छी हैं और लगातार जोधपुर के लिए काम हो रहा है. लेकिन अब आप लोगों को भी ध्यान रखना होगा. मजबूती में कमी नहीं रहनी चाहिए. जनता के बीच जाकर बताएं कि क्या काम हुआ है, जिससे अगली सरकार भी कांग्रेस की बने.
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जयपुर में एनजीओ और स्वयं सहायता समूह को सौंपा जिम्मा:जयपुर के हेरिटेज नगर निगम में जल महल (Indira Rasoi inaugurated in Jaipur) की पाल पर मंत्री महेश जोशी, खासा कोठी में मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और ग्रेटर नगर निगम में चौमूं पुलिया के पास इंदिरा रसोई का लोकार्पण किया गया. जल महल की पाल पर जहां एक एनजीओ की महिलाएं लाभार्थियों को खाना परोसेंगी. वहीं खासा कोठी पर ये व्यवस्था स्वयं सहायता समूह देखेगा.
राजस्थान में इंदिरा रसोई का विस्तार, सुनिए किसने क्या कहा... लाभार्थियों के साथ खाने का लिया आनंद: गरमा-गरम पूड़ी, रसगुल्ले, दो तरह की सब्जी, रायता और पुलाव के साथ रविवार को जल महल की पाल पर इंदिरा रसोई में लाभार्थियों को थाली परोसी गई. यहां लाभार्थियों के बीच बैठकर मंत्री महेश जोशी, महापौर मुनेश गुर्जर, उप महापौर असलम फारूकी और कमिश्नर विश्राम मीणा ने भी इसका स्वाद चखा.
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दरअसल, राज्य सरकार ने 2 साल पहले शुरू की (Number of Indira Rasoi in Rajasthan) 358 इंदिरा रसोइयों की संख्या बढ़ाकर, अब 870 कर दी गई है. इसे 1000 तक ले जाने की बजट घोषणा है. इस क्रम में रविवार को जयपुर में भी तीन नई इंदिरा रसोई शुरू हुई. इनमें से दो हेरिटेज में जबकि एक ग्रेटर नगर निगम में शुरू की गई. यहां वर्तमान में संचालित 10-10 रसोइयों के साथ अब 20-20 रसोईयां और शुरू की जाएंगी. इसके लिए जगह चिह्नीकरण का काम किया जा रहा है. कोशिश यही है कि इस बार प्रचार-प्रसार के साथ-साथ ऐसी जगहों का चयन किया जाए जहां लाभार्थी ज्यादा से ज्यादा रसोइयों में पहुंचकर ₹8 में भोजन का लाभ उठा सकें.
8 रुपये में पेट भर भोजन : मंत्री महेश जोशी ने कहा कि कोरोना काल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोई (Price of Meal in Indira Rasoi) भूखा न सोए वाली सोच के साथ निशुल्क भोजन व्यवस्था शुरू की थी. जरूरतमंदों को सूखा राशन भी उपलब्ध कराया गया था. फिर इंदिरा रसोई की शुरुआत कर जरूरतमंदों को महज ₹8 में स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने की पहल की गई. क्योंकि रसोइयों को अच्छा रिस्पांस मिला और लोगों ने इनकी संख्या बढ़ाने की डिमांड की, इसे ध्यान में रखते हुए इस बार बजट में इंदिरा रसोइयों की संख्या बढ़ाने की घोषणा की गई थी. जिसे अब अमलीजामा पहनाया गया है.
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वहीं महापौर मुनेश गुर्जर ने बताया कि मुख्यमंत्री की इस महत्वाकांक्षी योजना इंदिरा रसोई के संचालन के लिए स्थानीय सेवाभावी संस्थाओं या फिर एनजीओ का चयन किया गया है. आज 2 रसोइयों की शुरुआत की जा रही है. जल्द हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में 18 नई इंदिरा रसोई और शुरू की जाएंगी. उन्होंने बताया कि शहर में ऐसी कई इंदिरा रसोई संचालित की जाएंगी जहां केवल महिलाएं काम देखेंगी. इससे महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिलेगा.
इंदिरा रसोई के माध्यम से जरूरतमंदों को 8 रु में एक समय का भोजन दिया जाता है. जिन्हें स्थायी रसोईयों में सम्मानपूर्वक बैठाकर स्थानीय स्वादानुसार दो समय (दोपहर और रात्रिकालीन) का शुद्ध और पौष्टिक भोजन दिया जाता है. उपमहापौर असलम फारूकी ने बताया कि योजना के तहत रसोई संचालकों को प्रति थाली 12 रु. राजकीय अनुदान जिसे बढ़ाकर 1 जनवरी 2022 से 17 रु. प्रति थाली कर दिया गया है. रसोई संचालकों को रसोई के लिए रोजमर्रा कार्य बिजली, पानी, इंटरनेट के बिल, रसोई साज-सज्जा और मरम्मत के व्यय के लिए 50 हजार रुपये प्रति रसोई अग्रिम दिए जाने का प्रावधान किया गया है.
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अब तक योजना के अंतर्गत 7.01 करोड़ भोजन थाली परोसी जा चुकी है, जो लक्ष्य का 72.32 प्रतिशत है. 870 रसोईयों के संचालित होने पर प्रतिवर्ष 13.81 करोड़ भोजन थाली परोसकर व्यक्तियों को लाभान्वित किया जा सकेगा. इंदिरा रसोई में भोजन मेन्यू में प्रति व्यक्ति 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती और अचार परोसा जाता है. लाभार्थियों के लिए भोजन प्रायोजित परिजनों की वर्षगांठ, जन्मदिन और अन्य किसी उपलक्ष्य में अब तक 35 हजार 325 भामाशाहों की ओर से भोजन प्रायोजित किया जा चुका है.