जयपुर.प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र ने 9 सितंबर के बाद अपने कार्यकाल की शुरुआत की और ट्रैफिक लाइट पर रुककर सादगी का संदेश दिया. इसके पीछे उनकी क्या मंशा थी, इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि प्रारंभ से ही मैंने सामान्य जनता के साथ जुड़कर कार्य किया है. इसलिए जनता से दूरी अच्छी नहीं लगती. अब जबकि संवैधानिक पद पर होते हुए भी जहां जो चीजें ठीक लगती हैं, उसे वे करते हैं. लोगों के मन के अंदर अपना होने का भाव पैदा करने का प्रयत्न करते हैं.
कलराज मिश्र ने कहा कि राजस्थान में उच्च शिक्षा को लेकर अभी काफी काम किया जाना है और इस सिलसिले में उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया है. राज्यपाल ने कहा कि कुलाधिपति होने के नाते हाल ही में उन्होंने कुलपति समन्वय समिति की बैठक बुलाई, जिसमें सभी विश्वविद्यालयों से जुड़ी समस्याओं की जानकारी जुटाई गई और उन्हें दूर करने के लिए संयुक्त रूप से प्रयास करने की बात कही.
विश्वविद्यालयों को बनाना होगा स्मार्ट
राज्यपाल मिश्र ने कहा राजस्थान में 27 विश्वविद्यालय हैं, जिनमें से अधिकांश सक्रिय और क्रियाशील हैं. उनके मुताबिक अगर विश्वविद्यालयों को स्मार्ट बना दिया जाए तो फिर कई समस्याओं का समाधान किया जा सकता है. आज जिस ढंग से डिटीजल क्षेत्र में देश उन्मुख हो रहा है, उसी को प्राथमिकता मानते हुए, छात्रों के भविष्य को आगे बढ़ाने की दृष्टि से प्रयत्न किया जाना चाहिए.
खासतौर पर शिक्षकों के रिक्त पदों को लेकर उन्होंने बताया कि स्मार्ट तकनीक के दम पर ही एक शिक्षक एक समय में अलग-अलग कक्षाओं को संबोधित कर सकता है. इसके लिए स्मार्ट क्लासेज होनी चाहिए, जिससे समय को बचाया जा सकता है साथ ही मानवीय संसाधनों की कमी को भी दूर किया जा सकता है.
यूनिवर्सिटी में खाली पड़े पदों को लेकर उन्होंने कहा कि समन्वय समिति की बैठक में हमने इस बात पर चर्चा की थी. पदों को भरने के लिए ज्यादा समस्या तो वित्तीय रहती हैं, इसके बारे में फाइनेंस को देखने वाले अधिकारियों ने भी इस बात को अनुभव किया है. ज्यादा इस बात पर जोर दिया गया है कि यूजीसी की नियमावलियों और नॉर्म्स पर ही भर्ती की जानी चाहिए, जिससे कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता रहे.