जयपुर. ढृढ़ इच्छाशक्ति, मेहनत और जूनून हो तो कोई भी बाधा सफलता के शिखर को छूने से नहीं रोक सकती. इस लाइन को आंध्र प्रदेश के छोटे से गांव चिमटा के रहने वाले इस्माइल ने जीवन में आगे बढ़ने का मूलमंत्र बना लिया है. इसी मूलमंत्र के साथ आगे बढ़ते हुए इस्माइल जीवन की हर चुनौतियों को बौना साबित करके ना केवल अपनी खास पहचान बना रहे हैं, बल्कि सफलता की नई इबारत भी लिख रहे हैं. इस्माइल अपने गांव के पहले ग्रेजुएट हैं और अब वे पूरे गांव में शिक्षा को बढ़ावा देने की बात करते हैं. साथ ही वे पेड़-पौधों से बिजली बनाने को लेकर रिसर्च कर रहे हैं.
जयपुर में आयोजित यूथ पार्लियामेंट (Youth Parliament Jaipur) में भाग लेने के लिए पहुंचे इस्माइल शेख ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए ना केवल अपने अब तक के सफर के बारे बताया. बल्कि लोगों को यह भी संदेश दिया कि संसाधनों के अभाव का रोना आपकी बाधाओं को केवल बढ़ाती है. सफलता के शिखर पर पहुंचना है तो इन बाधाओं से घबराओ नहीं बल्कि लड़ो और आगे बढ़ो. उन्होंने बातचीत के दौरान बताया कि वे आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के चिमटा गांव (Chimata Andhra Pradesh) में अपने परिवार के साथ रहते हैं.
इस्माइल ने बातचीत में बताया कि उनका बचपन कठिनाइयों में गुजरा. जब वे 9 साल के थे, तभी उनके सिर से पिता का साया उठा गया. बचपन से ही इस्माइल को पढ़ने की रूचि थी. ऐसे में मुश्किल की घड़ी में उनके मामा और गांव वालों ने सहयोग किया. जिससे वे अपनी पढ़ाई आगे जारी रख सके. उनकी पढ़ाई की ललक को देखकर उनके गांव वालों ने पैसा इक्ट्ठा करके उन्हें उच्च शिक्षा के लिए गांव से शहर भेजा. गांव वालों की मदद के कारण ही इस्माइल अपनी पढ़ाई पूरी कर सके. अब वे प्लांट्स (पेड़-पौधों) से किस तरह बिजली जनरेट की जा सकती है, इस पर रिसर्च कर रहे हैं.
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