जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार के 1 साल के कार्यकाल में ऊर्जा विभाग के पास गिनाने को कई उपलब्धियां है. खासतौर पर नए जीएसएस खोलना और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से काम करना. यही वजह है, कि ऊर्जा मंत्री डॉ. बी डी कल्ला आगामी 3 से 4 सालों में ही राजस्थान के ऊर्जा के क्षेत्र में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनने का दावा करते हैं.
अगले 3-4 साल में ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन जाएगा राजस्थान: डॉ. बी डी कल्ला
प्रदेश सरकार के 1 साल के कार्यकाल की पहली वर्षगांठ से ठीक पहले ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान ऊर्जा मंत्री डॉ. बी डी कल्ला ने अपने विभाग की उपलब्धियां भी गिनाई, लेकिन बीते 1 साल में डिस्कॉम का घाटा कम नहीं हो पाने का मलाल भी उनके मन में दिखा.
गहलोत सरकार की पहली सालगिरह पर ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू
डिस्कॉम का घाटा बीते 1 साल में कम नहीं होने के पीछे डॉ. बी डी कल्ला का तर्क है, कि ऊर्जा विभाग वेलफेयर का काम करता है, लिहाजा जो घाटा है, उसमें बढ़ोतरी की ही गुंजाइश रहती है. ऊर्जा मंत्री को विश्वास है, कि सोलर के क्षेत्र में सरकार जो लक्ष्य लेकर चल रही है, वो पूरा हो जाएगा तो बिजली कंपनियां भी घाटे से उबर जाएंगी.
ऊर्जा मंत्री ने गिनाईं विभाग की उपलब्धियां
- 1 साल में 1 लाख कृषि कनेक्शन देने की घोषणा की, लेकिन 1 लाख 15 हजार कृषि कनेक्शन जारी हुए.
- 6 लाख 66 हजार घरेलू कनेक्शन जारी किए.
- 660 मेगावाट छबड़ा यूनिट स्थापित, 660 मेगावाट की सूरतगढ़ ईकाई 7, 8 की स्थापना का कार्य दिसंबर 2019 और 2020 में पूर्ण करने का लक्ष्य.
- राज्य में 1497 मेगा वाट सौर ऊर्जा की स्थापना.
- 400 केवी का एक ग्रिड सब स्टेशन, 220 केवी का एक ग्रिड सब स्टेशन, 132 केवी के 12 ग्रिड सब स्टेशन और 33 केवी के 275 सब स्टेशन स्थापित किए.
- दिसंबर 2018 से अक्टूबर 2019 तक किसानों को 7,128 करोड़ रुपए बिजली के बिलों में राज्य सरकार की तरफ से अनुदान.
- ऊर्जा क्षेत्र में सभी कंपनियों को राज्य सरकार की ओर से टैरिफ में अनुदान सहित 23,775 करोड़ रुपए की सहायता.
- साल 2019-20 में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बिजली क्षेत्र में 11 हजार 123 करोड़ रुपए का व्यय.
- कुसुम योजना पर तेजी से कार्य, सौभाग्य योजना के तहत किया बेहतर काम.
- आगामी 7 वर्षों में परंपरागत स्त्रोतों से 6000 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत उत्पादन क्षमता विकसित करने का लक्ष्य.
- नई कृषि नीति का प्रस्तावित प्रारूप कैबिनेट की स्वीकृति के लिए तैयार.
- प्रदेश में जल्द बनेगा नई सौर ऊर्जा नीति और पवन ऊर्जा नीति का प्रारूप.
- आगामी 4 वर्षों में 1426 मेगावाट पवन ऊर्जा और 4085 मेगा ट सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए निविदा प्रक्रिया प्रारंभ कर सौर ऊर्जा क्षमता को विकसित करने के लिए 1430 मेगावाट क्षमता को आवंटित कर दिया गया.
- 765 किलोवाट के ग्रिड सब स्टेशन की कांकानी, जोधपुर में स्थापना के लिए 2,741 करोड़ रुपए की योजना बनाकर केंद्र को मंजूरी के लिए भेजी, 2023 तक सब स्टेशन शुरू करने का लक्ष्य.