राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

किसानों के दिल्ली कूच के समर्थन में सहकारिता मंत्री, कहा- केंद्र को बढ़ानी चाहिए खरीद की सीमा - Farmers movement

चने की खरीद को लेकर किसान महापंचायत के बैनर तले किसान आंदोलनरत हैं. किसानों के इस आंदोलन और मांग को प्रदेश के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने वाजिब बताया है. देखिए ईटीवी भारत की सहकारिता मंत्री से खास बातचीत.

Cooperation Minister statement, Farmers movement, Purchase of gram
किसान महापंचायत के आंदोलन को सहकारिता मंत्री ने सही बताया

By

Published : Jul 7, 2020, 3:48 PM IST

जयपुर.प्रदेश में इस बार चने की बंपर पैदावार हुई है तो वही सहकारिता विभाग ने भी अन्य प्रदेशों की तुलना में इस बार समर्थन मूल्य पर किसानों से उनके अनाज की बंपर खरीद की है. बावजूद इसके प्रदेश का किसान खरीद की सीमा बढ़ाए जाने की मांग पर आंदोलनरत हैं.

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने किसानों की मांग को वाजिब बताया साथ ही अपने विभाग की गलती को भी स्वीकार किया. जिसके चलते पंजीयन के बावजूद कई किसानों के चने की खरीद नहीं हो पाई. किसानों के आंदोलन और खरीद से जुड़े ज्वलंत मामलों को लेकर ईटीवी भारत ने मंत्री उदयलाल आंजना से खास बातचीत की.

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना से खास बातचीत (पार्ट-1)

'केंद्र सरकार सिर्फ किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है'

ईटीवी भारत से खास बातचीत में मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक तरफ तो किसानों की आय दोगुनी करने की बात कहते हैं. लेकिन किसानों के खेत को लेकर कोई सकारात्मक निर्णय लेने में पहल नहीं करते. उन्होंने कहा कि किसानों से जुड़ी मांग को लेकर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा और खरीद की सीमा बढ़ाने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री को मैंने पत्र लिखा. लेकिन इसका कोई सकारात्मक जवाब अब तक नहीं आया है. मंत्री ने किसान महापंचायत के बैनर तले शुरू हुए आंदोलन और किसानों की मांग को वाजिब बताया हैं.

पढ़ें-'अब सफाई के लिए सीवरेज में नहीं उतरेगा सफाई कर्मी', UDH मंत्री ने कहा- एक दिन में नहीं होगा सब कुछ बंद

'किसान को नहीं मिलेगी लागत तो कैसे होगा आत्मनिर्भर भारत'

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने यह भी कहा कि कोरोना संक्रमण में केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत की बात कही. लेकिन किसान और अन्नदाता को ही आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनके संपूर्ण अनाज की समर्थन मूल्य पर खरीद की व्यवस्था को लेकर कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया.

आंजना ने कहा खरीद की सीमा बढ़ाना केंद्र सरकार के क्षेत्राधिकार में है और यदि खरीद की सीमा नहीं भी बढ़ाते तो भी ऐसा प्रावधान करें कि समर्थन मूल्य से कम में यदि बाजार में अनाज बिक रहा है, तो जो अंतर का मूल्य आ रहा है वह सीधे किसान के खाते में डलवा दिया जाए. जिससे सरकार पर भी ज्यादा भार नहीं पड़ेगा और किसानों को भी अपनी लागत मिल जाएगी.

'खरीद लक्ष्य का 120% पंजीयन करके विभाग ने तो गलती की है'

बातचीत के दौरान सहकारिता मंत्री ने अपने ही विभाग की गलती को भी सहर्ष स्वीकार कर लिया. आंजना ने बताया कि इस बार खरीद के लिए विभाग ने तय लक्ष्य का 120% तक किसानों का पंजीयन कर लिया. लेकिन अब जब खरीद बंद कर दी गई, तो पंजीकृत किसान अपनी फसल की खरीद करने की मांग कर रहे हैं.

पढ़ें-सर्वाधिक कोरोना केस के साथ पहले झेली फजीहत, अब मॉडल बन 'रामगंज' आया चर्चा में

किसान महापंचायत से जुड़े आंदोलनकारी किसानों ने भी सोमवार को ही वार्ता में यही मांग विभाग के अधिकारियों के समक्ष रखी थी. मंत्री के अनुसार विभाग के अधिकारियों ने केवल यह सोचकर तय लक्ष्य का 120% तक पंजीयन करवा लिया कि यदि कोई किसान फसल बेचने नहीं आएंगे तो अतिरिक्त किसानों के पंजीयन का समायोजन तय लक्ष्य में हो जाएगा. लेकिन हुआ इसका उल्टा. जिस भी किसान ने पंजीयन कराया वो अपनी फसल तुलाई के लिए भी आया, ऐसे में अतिरिक्त बचे हुए किसानों की नाराजगी लाजमी है.

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना से खास बातचीत (पार्ट-2)

'पंजीकृत किसानों की फसल खरीद के लिए वित्त विभाग में भेजा प्रस्ताव'

सहकारिता मंत्री के अनुसार जिन किसानों का पंजीयन खरीद के लिए किया गया है और खरीद से जो शेष रह गए हैं उनके संबंध में वित्त विभाग के पास प्रस्ताव भेजा गया है. मंत्री ने कहा दो-तीन दिन में इस संबंध में फैसला भी हो जाएगा. उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे वित्त विभाग के समक्ष सकारात्मक तरीके से यह बात रखें, ताकि इस पर जल्द फैसला हो सके और किसानों को राहत दी जा सके.

बता दें कि प्रदेश में किसान महापंचायत के बैनर तले किसान खरीद की सीमा बढ़ाए जाने की मांग को लेकर लगातार आंदोलनरत है. रविवार को किसानों ने इस संबंध में दिल्ली कूच भी शुरू कर दिया था. लेकिन प्रदेश सरकार की समझाइश पर महला के पास किसानों ने पड़ाव डाल दिया. इस बीच प्रदेश सरकार और सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ उनकी वार्ता भी हुई. जिसमें प्रदेश सरकार के स्तर पर खरीद से शेष रहे पंजीकृत किसानों की उपज की खरीद करने की मांग की गई. लेकिन उस पर भी कोई निर्णय नहीं हो पाया था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details