जयपुर. देशभर में कोरोना वायरस का संक्रमण जारी है. बता दें कि इस वायरस के चलते इस बार प्रदेश के पर्यटन निगम को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है, लेकिन अब पर्यटन निगम के लिए एक उम्मीद की किरण जगती हुई नजर आ रही है. बता दें कि आबकारी विभाग ने पर्यटन निगम को 15 शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दे दी है.
हालांकि, अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि पर्यटन निगम ये 15 शराब की दुकानें चलाता है, तो जल्दी ही प्रदेश के अंतर्गत शराब की ओवरेट पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा. क्योंकि कोरोना के कहर के चलते प्रदेश में इस समय पर्यटन निगम खराब हालात से गुजर रहा है. ऐसे में पर्यटन निगम के लिए भी यह एक उम्मीद की किरण है और पर्यटन निगम को लॉकडाउन के चलते जो घाटा हुआ है, उसको शराब की दुकानों के जरिए भी भरा जा सकेगा.
बता दें कि इन दुकानों को लेकर प्रभारी अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है. इसमें पैलेस ऑन व्हील्स के कुछ कर्मचारियों को भी लगाया गया है. पर्यटन निगम से जुड़े सूत्रों की मानें तो विभाग ने 32 दुकानों को लेकर आवेदन किया था, लेकिन आबकारी विभाग की ओर से अभी 15 दुकानों की अनुमति दी गई है. विभाग का कहना है कि 15 इकाइयों में ही स्ट्रक्चर पर्यटन विभाग के पास अभी बना हुआ है. आबकारी विभाग ने पर्यटन विभाग को इस संबंध में कहा कि पहले 17 दुकानों का स्ट्रक्चर बनाये. उसके बाद इस प्रस्ताव को लेकर आएं.
आपको बता दें कि इन 15 दुकानों की फीस दो करोड़ 80 लाख रुपए है, लेकिन इस समय पर्यटन विभाग की हालत खराब है. जिसकी वजह से आबकारी विभाग ने इन रुपयों को 4 किश्तों में बांट दिया है. साथ ही बता दें कि राज्य सरकार को कोर्ट ने हलफनामा भी दे रखा है, कि प्रदेश में शराब की 1000 दुकानें खोली जा सकती हैं. बहरहाल, यदि यह पर्यटन निगम गंगानगर शुगर मिल और आरएसबीएल शराब की दुकान खोलता है, तो प्रदेश में शराब की दुकानों की संख्या 1000 से अधिक हो जाएगी . जिसको लेकर विभाग को कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं.