जयपुर.राजस्थान विधानसभा में आज पूर्व स्पीकर और वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश मेघवाल ने अपनी बात एक स्पष्टीकरण के साथ रखी. उन्होंने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता संशोधन पर जो चर्चा हुई थी, उसको मैंने इनोसेंट मानकर समर्थन किया था. लेकिन अखबार में यह आया कि मेघवाल ने पार्टी लाइन के विरुद्ध जाकर भाषण दिया.
उन्होंने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता संशोधन पर ना तो दिल्ली में हमारी पार्टी में इसका विरोध करने का तय हुआ, ना ही राजस्थान में और ना ही विधायक मंडल में तय हुआ. बावजूद इसके ऐसा सवाल खड़ा हुआ और अखबार में छपा.
हमारी न्याय व्यवस्था अंग्रेजो से प्रभावित: मेघवाल ने आज राजस्थान विधानसभा में राजस्थान वित्त विधेयक और राजस्थान विनियोग विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए देश के न्यायिक सिस्टम पर सवाल खड़े करते हुए (Kailash Meghwal raised questions judiciary system) इसे अंग्रेजों से प्रभावित बताया. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने अपने शासन के स्थाई रहने की नियत से कानून बनाए. फिर चाहे वह सीआरपीसी हो, सीपीसी हो, एविडेंस एक्ट हो या फिर इंडियन पैनल एक्ट हो. मेघवाल ने कहा कि संविधान सभा में जितने भी लोग बैठे थे, वे ब्रिटिश राज्य पद्धति और ब्रिटिश जुडिशरी सिस्टम से प्रभावित थे. इसी कारण उन्होंने संविधान ऐसा बनाया कि हम हमेशा ब्रिटिश को फॉलो करते रहें.
मेघवाल ने कहा कि छोटा सा यूके है. क्षेत्रफल और जनसंख्या कम है. उसमें हाईकोर्ट अलग-अलग है. एक सुप्रीम कोर्ट है. उसी स्थिति को हम अपने देश में अपनाए हुए हैं. हमारा भी एक सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में है. जबकि सुप्रीम कोर्ट 8 से 10 बनने चाहिए. मेघवाल ने कहा कि सुलभ, सस्ता व त्वरित न्याय तब मिल सकता है जब हम जुडिशरी का विकेंद्रीकरण करें. हाईकोर्ट में ऐसी स्थितियां हैं कि पेंडेंसी बहुत है. ऐसे में चाहे गांव, कस्बे कहीं चले जाएं, हर जगह माफिया है. दुकान खाली करवानी हो, गवाहों को धमकाना हो, हर जगह माफिया विकसित हुआ है.