जयपुर. प्रदेश में निकाय चुनाव खत्म होने के साथ ही अब निर्वाचन आयोग पंचायती राज चुनाव की तैयारियों में लग गया है. जनवरी-फरवरी महीने में होने वाले पंचायती राज के चुनाव में अगर सब कुछ ठीक रहा तो चुनाव ईवीएम से होंगे, जिससे ना केवल काम की बचत होगी बल्कि समय की भी बचत होगी और परिणाम जल्द आएंगे. वहीं, इसके लिए राज्य निर्वाजन आयोग ने अन्य राज्यों से ईवीएम मशीन मंगवा ली है.
पंचायती राज चुनाव में ईवीएम का होगा उपयोग पंचायती राज चुनाव में काम आने वाली ईवीएम मशीन के लिए राज्य सरकार ने 15 करोड़ रुपए का बजट जारी कर दिया है. इस बजट का उपयोग ईवीएम ट्रांसपोर्टेशन के लिए जारी कर दिया है. अब राज्य चुनाव आयोग जल्द ही भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड से ईवीएम मशीनें लेगा. प्रदेश में पंचायती राज चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग 1 लाख 10 हजार मशीनें किराए पर लेगा. यह सभी मशीनें महाराष्ट्र, उड़ीसा और बिहार से आएगी.
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आयोग के अनुसार पंचायत समिति सदस्यों के लिए 45 हजार ईवीएम और जिला परिषद सदस्यों के लिए 45 हजार ईवीएम की जरूरत पड़ेगी. वहीं, 20 फीसदी ईवीएम रिजर्व रखी जाएगी. साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग नए ईवीएम भी खरीदेगा. इसके लिए राज्य सरकार ने 19 करोड़ रुपए का बजट जारी कर दिया है.
नई ईवीएम को लेकर आयुक्त प्रेम सिंह मेहरा ने बेल के अधिकारियों के साथ चर्चा की है. इसके साथ ही उन्हें जल्दी ईवीएम देने की मांग की है. हालांकि माना जा रहा है कि बेल के लिए इतना जल्दी नई ईवीएम देना मुश्किल लग रहा है. अगर बेल नई ईवीएम समय से देता है तो सरपंच के चुनाव भी ईवीएम से कराए जा सकते हैं. आयोग सरपंच के चुनाव ईवीएम से कराने पर भी विचार कर रहा है. दरअसल 2015 में हुए पंचायत चुनाव में 16 जिलों में ईवीएम के जरिए मतदान करवाया गया था.
15 दिसंबर से लग सकती है आचार संहिता
राज्य निर्वाचन आयोग पंचायतीराज चुनाव को लेकर तैयारियों में जुट गया है. पंचायती राज चुनाव को लेकर 15 दिसंबर से आचार संहिता लग सकती है. पिछले चुनावों की शुरूआत 18 जनवरी से हुई थी. हालांकि, निर्वाचन विभाग इसको लेकर अभी जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ बैठक करेगा. निर्वाचन आयोग की कोशिश है कि जिस तरह से निकाय चुनाव शांतिपूर्ण संम्पन हुए उसी तरह से पंचायती राज्य के चुनाव भी शांति और निष्पक्ष रूप से हो.