जयपुर. नवंबर में प्रदेश के 52 नगरीय निकायों में शहर की सरकार चुनी जाएगी. इसे लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है. राजनीति के दिग्गज अपनी-अपनी गणित लगाने में जुटे हुए हैं. इस बीच बुधवार को 'शहर की सरकार, वार्ड वार' में बात करेंगे निगम में वर्षा जल पुनर्भरण और संरक्षण समिति के अध्यक्ष कजोड़ मल सैनी के वार्ड 91 की.
ऐतिहासिक नगरी आमेर जो पहले खुद नगरपालिका हुआ करती थी, उस संपूर्ण नगर पालिका का एक वार्ड बनाया गया है. वार्ड 91 की अगर बात की जाए तो इसे दो भागों में बांटा जा सकता है. पहला आमेर की चार दिवारी जबकि दूसरा ग्रामीण क्षेत्र. वार्ड के परिक्षेत्र एयर फोर्स स्कूल को शामिल करते हुए कनक घाटी, जयगढ़, आमेर, सागर होते हुए दिल्ली रोड तक जाता है. और उसके बाद आगे कुंडा से पीली की तलाई होते हुए रामगढ़ मोड़ तक पुरानी नगरपालिका का संपूर्ण क्षेत्र इसी वार्ड में आता है. इस वार्ड की खासियत ये है कि यहां आमेर, जयगढ़ जैसी ऐतिहासिक धरोहर भी इसी में है. तो वहीं राजस्थान की पुरानी विरासत भी यहीं बसती है. 2014 में हुए वार्डों के पुनर्गठन की स्थिति में ये वार्ड सबसे ज्यादा 50,050 जनसंख्या के साथ सबसे बड़ा वार्ड था.
ये वार्ड इसलिए भी खास है क्योंकि यहां के पार्षद नगर निगम में वर्षा जल पुनर्भरण एवं संरक्षण समिति के चेयरमैन है. उनकी माने तो आमेर बहुत सी मूलभूत सुविधाएं वंचित है. हालांकि सफाई के प्रयास किए गए हैं. वहीं सड़कों का काम भी कराया गया है. नालियों के काम हुए हैं, जबकि टूरिस्ट प्लेस पर सुलभ शौचालय बनाए गए हैं. उन्होंने बताया कि पुराने क्षेत्र होने के चलते यहां छोटी-छोटी गलियां है, और आने-जाने वाले लोगों को परेशानी होती है. यहां नाली और सीवर की व्यवस्था नहीं है. जिसे ठीक कराने के लगातार प्रयास किए गए. उन्होंने इसे शहर का सबसे बड़ा वार्ड बताते हुए अतिरिक्त बजट की जरूरत बताई. वहीं आमेर के मावठा में बीसलपुर पानी छोड़ने की शुरुआत और इससे बढ़ रहे जल स्तर को अपनी बड़ी उपलब्धि बताया.