जयपुर.भीलवाड़ा परिवहन विभाग के डीटीओ वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने बताया कि सड़क सुरक्षा के लिए बहुत सारे विभाग इससे जुड़े हुए हैं. इसके लिए एजुकेशन, हेल्थ, इंजीनियरिंग और इंफोर्समेंट सहित चारों विभागों को एक साथ चलाने की जरुरत है. डीटीओ राठौड़ ने बताया कि राज्य में सड़क सुरक्षा पॉलिसी भी साल 2017 में आ गई थी. रोड सेफ्टी कमेटी की 24 मीटिंग होती थी, वह मीटिंग भी अब होने लगी है.
राठौड़ ने बताया कि साल 2015 के दौरान ग्रामीण क्षेत्र में एक बड़ा चैंपियन किया गया था. ऐसे में तब से ग्रामीण क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ी है. तब से साल 2016, 17 और 18 में सड़क दुर्घटनाओं में कमी भी आई है. राठौड़ ने कहा कि अभी लोगों को जागरुकता के साथ-साथ इंफोर्समेंट की प्रभावी कार्रवाई की ज्यादा आवश्यकता है. राठौड़ का कहना है कि अभी तक सड़क सुरक्षा सप्ताह 31 बार मनाया गया है. लेकिन इस साल सड़क सुरक्षा माह चलाया जा रहा है. ऐसे में आमजन को जागरुक करने के लिए सड़क सुरक्षा को लेकर यह रोजाना करने के कार्य हैं.
यह भी पढ़ें:अजमेर पेट्रोल पंप हादसे में दो और घायलों ने तोड़ा दम, अब तक 3 की मौत
राठौड़ ने बताया कि सीएम अशोक गहलोत भी सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए काफी गंभीर हैं. उन्होंने बजट में परिवहन विभाग के लिए 10 घोषणाएं की थी. उनमें से आठ घोषणा सड़क सुरक्षा को लेकर की गई थी. राठौड़ ने कहा कि स्कूलों में खेल मैदान के साथ ही ड्राइविंग ट्रैक बनाया जाए, जिससे स्कूलों के अंतर्गत ही 11वीं और 12वीं के छात्रों को सड़क सुरक्षा को लेकर जानकारी दी जा सके. वहीं आने वाले समय में इस सड़क दुर्घटनाओं में काफी हद तक कमी भी आएगी. साथ ही ड्राइवरों को भी इस समय ट्रेनिंग की काफी आवश्यकता है. हर जिले में ट्रेनिग इंस्टीट्यूट स्थापित करना विभाग का कार्य है. ट्रेनिग इंस्टीट्यूट के स्थापित होने के बाद भी सड़क दुर्घटनाओं में काफी हद तक कमी देखने को मिलेगी.
यह भी पढ़ें:केंद्रीय बजट से किसानों को उम्मीद, प्रदेश के लिए बने चकबंदी कानून, तो समर्थन मूल्य की सख्ती से हो पालना