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शादी की आयु को बढ़ाना मातृ मृत्युदर कम करने का स्थाई समाधान नहीं हैः ममता जेटली

केंद्र की मोदी सरकार लड़कियों के शादी की आयु को बढ़ा कर मातृ मृत्यु दर में कमी लाएगी. लेकिन क्या यह स्थाई समाधान है, इस पर सामाजिक कार्यकर्ता ममता जेटली से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने साफ किया कि शादी की आयु को बढ़ाना मातृ मृत्यु दर कम करने का स्थाई समाधान नहीं है. उनका कहना है कि जरूरत है मानसिक और सामाजिक ढांचे के बदलाव की.

Child Marriage Law,  Mamta Jaitley talks to ETV bharat
सामाजिक कार्यकर्ता ममता जेटली

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Published : Sep 8, 2020, 9:45 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:09 PM IST

जयपुर.केंद्र की मोदी सरकार लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र सीमा में बदलाव करने पर पुनर्विचार कर रही है. सरकार का मानना है कि इस फैसले से मातृ मृत्यु दर में कमी आएगी. केंद्र सरकार इसके पीछे सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश की वजह भी बता रही है. सरकार शादी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष कर सकती है. इस फैसले से लड़कियों के जीवन में भी कई बदलाव हो सकते हैं.

आयु को बढ़ाना कोई स्थाई समाधान नहीं...

बाल विवाह कानून में संशोधन और लड़कियों की आयु में बढ़ोतरी करने के मामले को लेकर ईटीवी भारत ने सामाजिक कार्यकर्ता ममता जेटली से बातचीत की. बता दें कि ममता जेटली बाल विवाह रोकने और महिलाओं के अत्याचार पर पिछले 40 साल से काम कर रही हैं.

आयु को बढ़ाना कोई स्थाई समाधान नहीं

ममता जेटली का कहना है कि आयु को बढ़ाना कोई स्थाई समाधान नहीं है. इस प्रस्ताव से हम सहमत नहीं हैं. उन्होंने बताया कि इसका विरोध कई महिला संगठनों ने किया है. जोर जबरदस्ती से लागू कर बरसों पुरानी कुरुति को नहीं बदला जा सकता है. जेटली ने कहा कि बाल विवाह अधिनियम 2007 में लागू किया गया था, लेकिन उसके बावजूद भी बाल विवाह को रोका नहीं जा सका.

स्वास्थय सेवाओं को ठीक करने की जरूरत है...

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सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि इस कानून के बनने के बाद राजस्थान में 10 लाख से अधिक बाल विवाह हो चुके हैं. राजस्थान, पश्चिम बंगाल और बिहार में बाल विवाह की घटनाएं लगातार सामने आती हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में इसके दुष्प्रभाव ज्यादा देखने को मिलते हैं. उनका कहना है कि सरकार को कानून बनाने के साथ-साथ बेसिक स्वास्थ्य को ठीक करने पर ध्यान देना चाहिए.

स्वास्थ्य सेवाओं को ठीक करने की जरूरत है

ममता जेटली ने बताया कि केंद्र सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं को ठीक करने की जरूरत है. मरीजों की अपेक्षा अस्पताल और डॉक्टरों की संख्या में कितना अंतर है, उसे ठीक करना होगा. महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना होगा. उनका मानना है कि आयु वर्ग की वजह से नहीं बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की कमियों से मातृ मृत्यु दर में बढ़ोतरी हो रही है.

सरकार के कानून का विरोध नहीं है...

1984 से शुरू हुआ था महिला विकास कार्यक्रम

उन्होंने कहा कि खास तौर से समाज की मानसिकता और समाज के ढांचे में आमूलचूल परिवर्तन लाने का प्रयास करना चाहिए. 1984 से महिला विकास कार्यक्रम शुरू हुआ था. ग्राम पंचायतों में साथिन के जरिए महिला विकास और जागरूकता के कार्यक्रम शुरू हुए थे. इसके परिणाम थे कि महिलाएं खुद बाल विवाह के खिलाफ खुलकर सामने आई थी.

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जेटली ने बताया कि इसके बाद महिला ने बेटी का कन्यादान लेने से इस लिए इनकार कर दिया था क्योंकि उसकी बेटी का बाल विवाह हो रहा था. इस तरह की अनेकों घटना है, जहां पर इस तरह के उदाहरण देखने को मिले. लेकिन अब उन कार्यक्रमों को सरकार की ओर से बंद कर दिया गया. वहीं, इसके बाद इसके दुष्परिणाम अब तेजी से दिखने लगे हैं.

सरकार के कानून का विरोध नहीं है...

ममता जेटली ने बताया कि सरकार कानून बनाती है, उसको लेकर विरोध नहीं है, लेकिन जरूरी है कि क्या समाधान के रूप में मजबूती से कार्य किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जागरूकता संबंधी कार्य किया जाए, शिक्षा में सुधार किया जाए, बालिका शिक्षा में बढ़ोतरी की जाए, समाज में यौन हिंसा में कमी लाई जाए, दुष्कर्म की घटनाओं पर अंकुश लगाया जाए. कानून बना देने से इस तरह के प्रयास सफल नहीं होते हैं.

अजमेर का उदाहरण सबके सामने है...

जेटली ने कहा कि अजमेर में बाल विवाह की उम्र को पीछे धकेलते हुए अजमेर महिला जन समिति ने जो गांव में महिलाओं और लड़कियों के साथ काम किया है, वह अमूलचूल परिवर्तन को दिखाता है. जहां पर लड़कियों को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती थी वहां पर गांव की लड़कियां आज फुटबॉल खेल रही हैं.

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ममता जेटली का मानना है कि सरकार को ऐसे कार्यक्रम शुरू करने चाहिए जो गांव-ढाणी तक लोगों को जागरूक करें, महिला के उत्थान के काम करें, महिलाओं को जागरूक करें. सरकार अगर इस तरह के कार्य करें तो विवाह की उम्र अपने आप ही बढ़ जाएगी, नहीं तो यह कानून सिर्फ एक कागज और फॉर्मेलिटी के रूप में रह जाएगा.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:09 PM IST

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