जयपुर. प्रदेश के 6 जिलों में जिला परिषद और 78 पंचायत समितियों में होने वाले चुनाव के लिए नामांकन का दौर खत्म होते ही राजनीतिक दल चुनावी मैदान में निर्दलीय ताल ठोक रहे बागियों को मनाने में जुट गए हैं. भाजपा ने जिला परिषदों में 1 वार्ड और पंचायत समितियों में करीब 80 वार्डों में अपने सिंबल पर प्रत्याशी नहीं उतारे. हालांकि, इन चुनावों के लिए बनाए गए भाजपा प्रदेश समन्वयक और प्रदेश मंत्री जितेंद्र गोठवाल इसे एक रणनीति का हिस्सा करार दे रहे हैं.
भरतपुर में खाली छोड़े गए वार्ड
मौजूदा पंचायती राज चुनाव के लिए लगाए गए भाजपा के पदाधिकारी कहते हैं कि जिन वार्डों में भाजपा ने अपने सिंबल पर प्रत्याशी नहीं उतारे, उनमें अधिकतर पंचायत समितियों के वार्ड भरतपुर में आते हैं. वहीं, जिला परिषद का एक वार्ड भरतपुर में है जहां भाजपा ने अपने सिंबल पर प्रत्याशी नहीं उतारा. भाजपा नेता इसे स्थानीय समीकरणों के आधार पर बनाई गई एक रणनीति का हिस्सा करार देते हैं. उनके अनुसार मौजूदा परिस्थितियों में पार्टी कई बार बिना सिंबल के भी उतरे हुए प्रत्याशी को अपना समर्थन देकर जीत दिलवाती है. कुछ ऐसी ही रणनीति यहां पर अपनाई गई है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी भरतपुर क्षेत्र में सियासी समीकरणों के आधार पर कुछ सीटों पर प्रत्याशी नहीं उतारे जाने की बात मीडिया में कही थी.
ये है इन चुनावों में वार्डों का समीकरण
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान पंचायती राज चुनाव के लिए बनाए गए प्रदेश समन्वयक और बीजेपी प्रदेश मंत्री जितेंद्र गोठवाल ने बताया कि प्रदेश के 6 जिला परिषदों में कुल 200 वार्ड आते हैं, जिनमें से 199 वार्डों में भाजपा ने अपने सिंबल पर प्रत्याशी उतारे हैं. जबकि भरतपुर जिला परिषद के सिर्फ 1 वार्ड में भाजपा ने अपने सिंबल पर कोई प्रत्याशी नहीं उतारा. इसी तरह इन 6 जिलों में कुल 78 पंचायत समितियों में चुनाव होने हैं, जिनमें कुल 1564 वार्ड आते हैं.