जयपुर. कोरोना संकटकाल में केंद्र सरकार की ओर से 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की आखिरी किस्त का ऐलान रविवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया. उन्होंने मनरेगा, एजुकेशन, हेल्थ और कंपनी एक्ट पर विशेष फोकस करते हुए राहत पैकेज की घोषणा की. हालांकि अर्थशास्त्री प्रो. जेपी यादव ने इस पैकेज का विश्लेषण करते हुए कहा कि इतने बड़े आर्थिक पैकेज के ऐलान के बाद भी जनता को तत्काल राहत का इंतजार रहेगा.
अमेरिका, जर्मनी और बाकी देशों में राहत पैकेज के ऐलान होने के बाद देशवासियों को भी मोदी सरकार से राहत पैकेज के ऐलान की उम्मीद थी. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया, तो गांव और शहर में रहने वाले हर एक व्यक्ति के चेहरे पर खुशी झलक उठी. सभी को लग रहा था कि इस बार मोदी सरकार दूसरे देशों की तरह उनको तत्काल राहत देगी. लेकिन वित्त मंत्री के द्वारा राहत पैकेज खत्म होने के बाद आम आदमी को ये राहत दूर के ढोल लग रहे हैं.
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बता दें कि रविवार को हुए राहत पैकेज की घोषणाओं में प्रमुख रूप से मनरेगा, स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग, कंपनी एक्ट पर फोकस किया गया. इसे लेकर अर्थशास्त्री प्रोफेसर जेपी यादव ने कहा कि चूंकि कोरोना का इंपैक्ट अभी ज्यादा है, ऐसे में ये जो पैकेज की घोषणा की गई है उन्हें तुरंत लागू कर जरूरतमंद तक मदद पहुंचे. सरकार को अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की दरकार है.
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