जयपुर. प्रदेश में जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव होने हैं. चुनावी माहौल में आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी तेज हो चला है. इस बीच भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री और संगठनात्मक रूप से दिल्ली की सह प्रभारी डॉ. अलका गुर्जर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान अलका गुर्जर ने प्रदेश सरकार पर लोकतंत्र की पहली इकाई यानी ग्रामीण विकास को तहस-नहस करने का आरोप लगाया.
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान अलका गुर्जर ने कहा कि ग्रामीण विकास की अवधारणा लोकतंत्र की पहली इकाई होती है. यह राजस्थान के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी राज्य से पंचायती राज की शुरुआत हुई थी, लेकिन बीते 2 साल में प्रदेश सरकार पंचायत के चुनाव ही करवा रही है. पहले कुछ सरपंचों के चुनाव हुए और अब पंचायत समिति और जिला परिषदों के हो रहे हैं.
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अलका गुर्जर ने कहा कि सुनने में ये भी आ रहा है कि 5 और जिले इस चुनाव के अंदर जोड़े जा सकते हैं. कुल मिलाकर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण विकास को मजाक बना दिया है और लोकतंत्र की पहली इकाई को तहस-नहस करने का काम किया है, जिसे इन चुनाव में जनता याद रखेगी.
25 साल के इतिहास में पहली बार वित्त आयोग का नहीं हुआ गठन
अलका गुर्जर ने कहा कि वित्त आयोग का करीब 4500 करोड़ रुपया अब तक रुका हुआ है. 25 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब वित्त आयोग का गठन भी नहीं हुआ. अलका गुर्जर ने प्रदेश सरकार पर ग्रामीण विकास को अवरुद्ध करने का आरोप लगाया और कहा कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में जो काम शुरू किए गए थे, वे अब तक अटके हुए हैं.
गुर्जर ने कहा कि जो काम पूर्ण हो गए, उस पर अपने नाम का पत्थर लगाने का काम मौजूदा कांग्रेस सरकार ने किया है. भाजपा राष्ट्रीय मंत्री के अनुसार प्रदेश की कांग्रेस सरकार का एकमात्र एजेंडा है कि किसी तरह कुर्सी से चिपके रहे, फिर चाहे विधायकों को होटल में ही क्यों ना कैद करके रखना पड़े.