जयपुर. राजस्थान विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान लगे सवालों में एक सवाल पर मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया आपस में उलझ गए. वहीं, खेल मंत्री अशोक चांदना ने भी नेता प्रतिपक्ष से सवाल के जवाब में कहा कि हमारे घोषणा पत्र में केवल बेरोजगारी भत्ता देने की बात थी, ना की नौकरी नहीं मिलने पर बेरोजगारी भत्त देने की. वहीं, आशा सहयोगिनी को संविदा कर्मी नामांकन स्वैच्छिक सेवा माना जाने और होमगार्ड को नियमित करने पर कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं होने का जवाब सरकार की ओर से मंत्रियों ने दिया.
प्रश्नकाल के दौरान रोडवेज के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सवाल पर मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया के बीच हल्की नोकझोंक भी देखने को मिली. सवाल के जवाब में मंत्री ने माना रोडवेज में कर्मियों के सेवानिवृत्त यहां तक की उनकी मृत्यु होने के बावजूद भी अब तक उन्हें उनका बकाया नहीं दिया गया है. लेकिन, उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार लोन लेकर या फिर अपने स्तर पर जल्द ही ये बकाया देगी. उनमें से भी जिन कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है, उन्हें पहले यह परिलाभ देने की तैयारी सरकार की ओर से की जा रही है.
इस जवाब पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 2018 के बाद 2432 लोग रिटायर हुए हैं. उनका 188 करोड़ रुपये 24 लाख रुपये बकाया है. क्या यह पेमेंट पूरी रोडवेज को देने के बाद प्राप्त होगा. इस पर मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि इसमें राजनीति करने का प्रयास किए जा रहे हैं. लोन आपकी सरकार के समय भी लिया गया और लोन हमारी सरकार के समय भी लिया जा रहा है. हमने जो चुनाव से पहले रोडवेज कर्मियों से वादे किए थे, उन्हें पूरा किया जाएगा. लेकिन, आप बीजेपी कांग्रेस में बांट कर बात करते हैं. इसके बाद स्पीकर सीपी जोशी ने मंत्री प्रताप सिंह को टोकते हुए बैठा दिया. वहीं, सैनिक कल्याण मंत्री के तौर पर प्रताप सिंह खाचरियावास ने यह माना कि सरकारी कार्यालयों में कार्यरत पूर्व सैनिकों का वेतन 6 महीने से बकाया चल रहा था. लेकिन, अब उनको वेतन दिया जा चुका है. इस पर नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने कहा कि सभी सरकारी विभागों की जानकारी मांगी गई है. उत्तर केवल एक विभाग का दिया गया है. स्पीकर सीपी जोशी ने भी इस बात पर मंत्री को टोकते हुए कहा कि आप अपने अधिकारियों को इस संबंध में कहें कि सवाल जब सभी विभागों का लगाया गया है, तो फिर एक ही विभाग का जवाब क्यों दिया गया. वहीं, रलोपा विधायक नारायण बेनीवाल के आशा सहयोगिनी के वेतन बढ़ोतरी को लेकर लगे सवाल पर मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि आशा सहयोगिनी के पद स्वैच्छिक सेवा पर आधारित है.
इन पर सेवा नियम लागू नहीं होते मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 2700 रुपये मानदेय का भुगतान किया जा रहा है. इसके अलावा चिकित्सा विभाग के कार्य आधारित भुगतान भी किया जाता है. इसके साथ ही, उन्होंने विपक्ष के नेताओं से अपील की कि राज्य सरकार 2700 रुपये का मानदेय आशा सहयोगिनी को प्रतिमाह दे रही है. अगर केंद्र सरकार भी उनका हिस्सा दे तो इनका मानदेय 5000 से अधिक हो जाएगा. उन्होंने विधायक नारायण बेनीवाल से भी कहा कि आपके भाई भी सांसद हैं और केंद्र सरकार से उनको भी यह मांग उठानी चाहिए. ग्राम पंचायतों में कृषि पर्यवेक्षक के पदों के सृजन के संबंधी सवाल पर मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि यह मामला अभी विचाराधीन है. उधर, खाजूवाला विधानसभा में खनन पट्टों संबंधी सवाल पर मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि पुराने प्रकरणों के निस्तारण के लिए बैठक 1 महीने में हो जाएगी और नए प्रकरणों के संबंध में भी जल्द ही बैठक का आयोजन होगा. उधर, मुस्लिम वक्फ बोर्ड की ओर गठित कमेटियों से जुड़े सवाल पर मंत्री साले मोहम्मद ने कहा कि अगर विधायक को लगता है कि कमेटी गलत बनी है तो इसकी जांच करवा ली जाएगी.