जयपुर. शिक्षक सम्मान समारोह के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की मौजूदगी में शिक्षकों (Rajasthan Teachers) ने रुपए देकर तबादले होने की बात स्वीकार थी. इस मामले को लेकर चल रही सियासत के बीच ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के बचाव में उतरे हैं. कल्ला ने कहा कि जिस समारोह में यह घटना हुई, वहां बीजेपी समर्थित अध्यापक थे और अब भाजपा नेता नॉन इश्यू को इश्यू बना रहे हैं. हालांकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने कल्ला के इस आरोप को सिरे से खारिज किया है.
शिक्षक तबादला प्रकरण पर बीडी कल्ला का बयान ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला का कहना है कि बिरला सभागार में हुए शिक्षक सम्मान समारोह में सभी तरह के लोग थे. जिसमें भाजपा समर्थित अध्यापक भी थे. उनके अनुसार इस घटना को 1 तरीके से मॉब मेंटालिटी के रूप में ही लेना चाहिए और भाजपा (Rajasthan BJP) इस मामले को इश्यू बना रही है.
यह भी पढ़ें.'तबादलों के पैसे देने पड़ते हैं': पूनिया बोले-कांग्रेस राज में भ्रष्टाचार बना शिष्टाचार, राठौड़ बोले- दिखा सरकार का भ्रष्ट चेहरा..
कर्मचारियों की हिम्मत को करता हूं प्रणाम, BJP का कोई लेना देना नहीं : पूनिया
वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला के आरोप को सिरे से नकारा है. पूनिया ने कहा कि कर्मचारी कर्मचारी होता है. जिस तरह मुख्यमंत्री के पूछने पर वहां मौजूद कर्मचारियों ने हिम्मत दिखाते हुए सच्चाई बयां की, उसके लिए मैं कर्मचारियों के साहस को प्रणाम करता हूं. पूनिया ने कहा कि होना तो यह चाहिए था कि इस मामले को बीजेपी कांग्रेस ना करके मुख्यमंत्री के सामने जो आरोप शिक्षकों ने लगाए हैं, उसकी जांच करवाएं.
यह भी पढ़ें.मुख्यमंत्री गहलोत ने पूछा- तबादलों के लिए पैसे देने पड़ते हैं ? शिक्षकों ने एक स्वर में कहा- हां..
बता दें कि मंगलवार को जयपुर के बिरला सभागार (Birla Auditorium Jaipur) में हुए राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री ने वहां मौजूद शिक्षकों से पूछा कि तबादले क्या पैसे लेकर किए जाते हैं. शिक्षकों ने एक स्वर में कहा था 'हां'. जिसके बाद इस घटनाक्रम पर सियासी उबाल आ गया.